भारतीय रेलवे ने बिजली और कोयला संकट से जूझ रहे राज्यों के बिजली संयंत्रों को प्राथमिकता के आधार पर कोयले ढुलाई सुनिश्चित करने के लिये 24 मई तक यात्री ट्रेनों के लगभग 1100 फेरे रद्द कर दिये हैं।
इससे पहले, भारतीय रेलवे ने लगभग 650 फेरे रद्द कर दिये थे। बिगड़ते बिजली संकट के बीच इसे बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। रेल मंत्रालय के अनुसार 24 मई तक 40 ट्रेनों के कुल 1081 फेरे रद्द रहेंगे। इसमें मेल एक्सप्रेस के 499 फेरे और पैसेंजर ट्रेनों के 582 फेरे शामिल हैं।
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कोयले की मांग और खपत में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके त्रिपाठी के मुताबिक पिछले साल से कोयले की मांग और खपत में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष अप्रैल में अप्रैल 2021 की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक कोयले की ढुलाई की गई है। उन्होंने कहा कि मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में अतिरिक्त कोयला रेक उच्च प्राथमिकता पर संचालित किए जा रहे हैं।
कोयले की कमी से निपटने के लिए चला बैठक का दौर
कोयला देश की लगभग 70 प्रतिशत बिजली पैदा करने में मदद करता है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे राज्यों में बिजली की कमी हो गई और लोगों को बार-बार बिजली कटौती का सामना करना पड़ा, जिसके बाद केंद्र सरकार ने कोयले की कमी से निपटने के लिए कई बैठकें की। कोयले से लदी ट्रेनों के तेजी से संचालन की सुविधा के लिए यह कदम उठाया गया।