कोरोना के बढ़ते मामलों से चिंतित चीन सरकार ने शंघाई के बाद अब देश की राजधानी बीजिंग में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी की जांच कराने का फैसला लिया है। जांच के लिए लोगों को जबरन बुलाए जाने के कारण जांच केंद्रों के बाहर लोगों को घंटों लाइन में खड़ा रहने को मजबूर हैं। सरकार का कहना है कि शंघाई जैसा हाल रोकने और लॉकडाउन से बचने के लिए यह उपाय किये जा रहे हैं।
शंघाई में पिछले कई दिनों से लॉकडाउन लगा है। यहां घरों में एहतियात के तौर पर ऊंची बाड़ लगा दी गई हैं, जिससे लोग घरों के बाहर न आ सके। शंघाई में किसी को भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी गई है। चीन सरकार की कोरोना पॉलिसी को लेकर सोशल मीडिया पर सरकार और प्रशासन की आलोचना भी हो रही है। शंघाई पर लगे लॉकडाउन से सरकार और लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
शंघाई की ही तरह बीजिंग में भी सभी लोगों के लिए कोरोना जांच को अनिवार्य कर दिया गया है। साढ़े छह करोड़ की आबादी वाले शहर में सभी की जांच की जा रही है। जांच के दौरान मिलने वाले संक्रमित मरीजों को आइसोलेट कर दिया जाता है। चीन के करीब दर्जनों शहरों में कोरोना मामले सामने आने के बाद लॉकडाउन लगाया गया है।
शंघाई और बीजिंग में कई तरह की सख्त पाबंदियां लागू होने से यहां की अर्थव्यवस्था पर इसका साफ असर दिखाई दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में चीन को इसकी वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं इसके चलते सप्लाई चेन भी बाधित हुई है। बीजिंग में रेस्तरां, जिम, सिनेमा आदि को बंद कर दिया गया है। बसें भी बंद हैं। जहां कुछ खुला भी है तो वहां पर ग्राहक नदारद हैं।
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