दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल एक बार फिर विवादों में आ गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर कर आगरा में ताजमहल में बंद 22 कमरों को फिर से खोलने और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा उनका निरीक्षण करने की मांग की गई है।
10 मई को होगी सुनवाई
याचिका में कहा गया है कि ताजमहल के 22 कमरे सालों से बंद हैं। क्या इन कमरों में हिंदू मूर्तियां और शिलालेख हैं? अयोध्या जिले के भाजपा मीडिया प्रभारी डॉ. रजनीश सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि इसकी जांच के लिए इसे खोला जाना चाहिए। याचिका पर 10 मई को सुनवाई होनी है।
पहले इस स्थान पर था शिव मंदिर
कुछ इतिहासकारों और हिंदू जानकारों के अनुसार, ताजमहल मूल रूप से शिव मंदिर था। याचिका में मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करने की भी मांग की गई है। याचिका में कुछ इतिहासकारों का भी हवाला दिया गया है। ताजमहल की चार मंजिला इमारत के निचले हिस्से में 22 कमरे आज भी बंद हैं। इतिहासकारों के अनुसार इन कमरों में एक शिव मंदिर के प्रमाण हैं।
परमहंसाचार्य को नहीं दिया गया था प्रवेश
पिछले दिनों जगतगुरु परमहंसाचार्य को ताजमहल जाने से रोक दिया गया था। उन्होंने भी यही कहा था कि वहां एक शिव मंदिर था।