राज्य के अलग-अलग न्यायालयों में काशी स्थित शृंगार गौरी, ताजमहल और श्रीकृष्ण जन्मस्थली पर सुनवाई होनी थी। इसमें से काशी विश्वनाथ परिसर में शृंगार गौरी के पूजन संबंधी प्रकरण में ही सुनवाई हो पाई, जबकि ताजमहल और श्रीकृष्ण जन्मस्थली पर सुनवाई विभिन्न कारणों से नहीं हो पाई।
शृंगार गौरी पूजा के संदर्भ में ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण का काम अधर में है। इसमें इंतजामिया मस्जिद कमेटी द्वारा एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई हो रही है। इस प्रकरण में न्यायालय ने दोनों पक्षों के तर्क सुने और अगले दिन 11 मई के लिए इस प्रकरण को तारीख दे दी। अब इस दिन प्रकरण में निर्णय आ सकता है। इसी प्रकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े प्रकरण की सुनवाई होनी थी, जो अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण नहीं हो पाई अब इस प्रकरण में अगली सुनवाई 16 मई, 2022 को होगी।
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श्रीकृष्ण जन्मस्थली प्रकरण सुनवाई
इस प्रकरण में सुनवाई एक अन्य अधिवक्ता के निधन के कारण नहीं हो पाई। यह याचिका एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने दायर की है, जिसमें शाही मस्जिद ईदगाह विरोधी पार्टी है। इसमें श्रीकृष्ण जन्मस्थान के कटरा केशव देव की 13.37 एकड़ भूखंड के मालिकाना अधिकार को लेकर याचिका दायर की गई है।
ताजमहल के वह दरवाजे खोले जाएं
ताजमहल के 22 दरवाजों को खोलने संबंधी याचिका पर सुनवाई होनी थी। यहां भी अगली सुनवाई 12 मई को होगी। इस याचिका को भारतीय जनता पार्टी के नेता रजनीश सिंह ने दायर की है।