पीएसएलवी सी-50 के साथ सीएमएस-01 का लांच

सीएमएस-01 देश का 42वां संचार उपग्रह है। जिससे 'सी बैंड' के स्पेक्ट्रम में में उन्नति होगी। इसे पृथ्वी से सबसे दूर की कक्षा (अपोजी) में स्थापित किया जाएगा। यह उपग्रह पूर्व के जीसैट-12 को प्रतिस्थापित करेगा। जिसे 2011 में प्रक्षेपित किया गया था।

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संचार उपग्रह पीएसएलवी सी-50 सीएमएस-01 के प्रक्षेपण से देश की संचार क्षमता सुदृढ़ होगी। यह प्रक्षेपण इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया।

सी-50 संचार उपग्रह से सी-बैंड की फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम में बढ़ोतरी होगी। यह पीएसएलवी का 52वां मिशन है। जबकि पीएसएलवी सी-50, पीएसएलवी के एक्सएल श्रेणी की 22वीं फ्लाइट है। वहीं सीएमएस-01 देश का 42वां संचार उपग्रह है। ‘सी’ बैंड की बढ़ी क्षमता का लाभ देश मुख्य भूभाग के अलावा अंदमान निकोबार और लक्षद्वीप को मिलेगा।

क्या है सीएमएस-01?

यह उपग्रह जीसैट-12 को प्रतिस्थापित करेगा। जीसैट-12 को 11 जुलाई 2011 को प्रक्षेपित किया गया था। सीएमएस-01 को धरती के उच्चतम अंडाकार डीयोसिंक्रोनस ऑर्बिट में 42,164 किलोमीटर की अपोजी में स्थापित किया जाएगा। यहां से ये पृथ्वी की गति के समानांतर भ्रमण करेगा जिसके कारण धरती से निरिक्षण करने पर ये आकाश में स्थिर दिखेगा। इस उपग्रह की आयु 7 वर्ष की है। इस उपग्रह से देश में टेलीविजन, टेलीमेडिसिन और डिजास्टर प्रबंधन में सहायता मिलेगी।

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