रूस और यूक्रेन के बीच चले रहे युद्ध पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने वैश्विक खाद्यान्न संकट की आशंका जताई है। जेलेंस्की ने कहा कि यूरोपीय देशों के समुद्री पोर्ट पर व्यापार इसी तरह बाधित रहा तो पूरी दुनिया में खाद्यान्न संकट पैदा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रूस की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों को खत्म करने का प्रयास करना जरूरी हो गया है।
जेलेंस्की ने यह बयान यूरोपियन काउंसिल के प्रेसिडेंट चार्ल्स मिशेल से मिलने के बाद दिया है। मिशेल ओडेसा पहुंचे थे। रूस ने ओडेसा की टूरिस्ट साइट्स और बड़ी इमारतों को निशाना बनाया है। यहां एक बड़ा पोर्ट भी है, जिससे कृषि उत्पादों का आयात और निर्यात होता है। रूस ने इस पोर्ट को भी निशाना बनाया था।
दर्जन भर देशों में खाद्यान्न संकट
जेलेंस्की ने कहा कि दशकों बाद पहली बार ओडेसा में ऐसा हा रहा है कि व्यापारिक जहाज ठीक से नहीं चल पा रहे हैं। पोर्ट पर कोई काम नियमित ढंग से नहीं हो पा रहा है। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद देश में ऐसा कभी नहीं हुआ था। यह संकट केवल यूक्रेन के लिए नहीं है बल्कि कृषि उत्पादों के अभाव से दर्जनभर देशों को संकट का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि कई देश अब भी खाद्यान्न संकट से जूझ रहे हैं और आने वाले समय में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
पोर्ट पर फंसा है 2.5 करोड़ टन अनाज
यूएन के मुताबिक इस युद्ध की वजह से 2.5 करोड़ टन अनाज यूक्रेन में फंसा है। इंटरनेशल ग्रेन काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक मक्का के निर्यातकों में यूक्रेन का चौथा स्थान था। यह गेहूं के टॉप 6 निर्यातक देशों में शामिल है। इसी बीच जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन के पोर्ट्स को रूस के चंगुल से छुड़वाने के लिए पूरी दुनिया को कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी किया।
दुनिया को संकट का सामना करना पड़ रहा
यूरोपियन काउंसिल के प्रेसिडेंट ने भी कहा कि ओडेसा पोर्ट पर गेहूं और मक्का भरा पड़ा है लेकिन इसका निर्यात नहीं हो पा रहा है। काले सागर में ब्लॉकेड की वजह से दुनिया को संकट का सामना करना पड़ रहा है।