करोड़ो रुपए की लूट में नप गए मुंब्रा के वो पुलिस वाले

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ठाणे पुलिस के अंतर्गत आनेवाले मुंब्रा परिमंडल में एक बड़ी लूट खसोट की घटना सामने आई है। जिसमें पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन पुलिस अधिकारी और सात कर्मियों को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक और सहायक आयुक्त पर भी गाज गिरी है।

यह प्रकरण मुंब्रा क्षेत्र के बॉम्बे कॉलनी का है, जहां रहनेवाले फैजल मेमन के यहां मुंब्रा पुलिस ने छापा मारा था। इस कार्रवाई में पुलिस ने तीस करोड़ रुपए की नकदी बरामद की थी। इस नकदी को पुलिस ने अपनी वैन में भरकर पुलिस थाने लाया था, कुछ समय पश्चात पुलिसवालों ने उसमें से छह करोड़ रुपए निकालकर चौबीस करोड़ रुपए मेमन को लौटा दिये।

ऐसे खुली पोल
इस प्रकरण में एक तीसरे व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद प्रकरण पुलिस आयुक्त और गृह विभाग के सामने आया। इसके बाद जांच के आदेश दिये गए। इस जांच के बीच ही पुलिस विभाग ने कार्रवाई की है। जिसमें तीन पुलिस अधिकारी और सात कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई हुई है। इसके साथ ही मुंब्रा परिमंडल के सहायक आयुक्त व्यंकट आंधले और मुंब्रा पुलिस थाना इंचार्ज अशोक कड़लक की विभागीय जांच का आदेश दिया गया है।

ये है प्रकरण
मुंब्रा के क्राइम पुलिस निरिक्षक गीताराम शेवाले, पुलिस निरिक्षक हर्षद काले और मदने को 12 अप्रैल को सूचना मिली थी कि, बॉम्बे कॉलनी क्षेत्र में रहनेवाले फैजल मेमन नामक बिल्डर के यहां कालाधन रखा हुआ है। इसके बाद शेवाले के नेतृत्व में पुलिस दल ने बिल्डर के यहां छापा मारा। जिसमें तीस करोड़ रुपए की नकदी बरामद हुई थी। इस धन को पुलिस ने जब्त कर लिया। आरोप है कि, नकदी को छोड़े जाने की मांग पर पुलिस अधिकारियों ने दो करोड़ रुपए की मांग थी, जिस पर प्रकरण सैटल हो गया। परंतु, आरोप है कि, इन पुलिस अधिकारियों ने बिल्डर के तीस करोड़ रुपए में से छह करोड़ रुपए निकाल लिये और शेष चौबीस करोड़ रुपए लौटा दिये।

यह प्रकरण तब प्रकाश में आया जब, इब्राहिम शेख नामक एक शख्स ने गृह मंत्रालय और पुलिस आयुक्त के पास इसकी शिकायत कर दी। जिसके बाद इस प्रकरण की जांच पुलिस उपायुक्त अविनाश अंबुरे को सैंपी गई।

कौन है वह बिल्डर?
तीस करोड़ रुपए की नकदी घर में रखनेवाला शख्स फैजल मेमन है। इसका मुंबई के मनीष मार्केट में खिलौने का व्यापार है, इसके साथ वह भवन निर्माता भी है। परंतु, तीस करोड़ रुपए की नकदी घर में क्यों रखी गई थी, इसका गूढ़ अब भी कायम है। इस प्रकरण की जांच आनेवाले दिनों में केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए भी कर सकती है।

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