जम्मू कश्मीर के बडगाम चादूड़ा तहसील कार्यालय में राहुल भट की हत्या पर हिंदू समाज में तीव्र आक्रोश है। परिवार का आरोप है कि, तीन आतंकियों ने तहसील कार्यालय में प्रवेश करके कर्मचारियों का नाम पूछा और राहुल भट को गोली मार दी। इस घटना पर हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा लेकर लड़ रही इक्कजुट्ट जम्मू ने सरकार को घेरा है। पार्टी के संस्थापक व अध्यक्ष अधिवक्ता अंकुर शर्मा ने आरोप लगाया है कि, सरकार ने नौकरी के नाम पर हिंदुओं को जिहादियों के हाथों बंधक के रूप में सौंप दिया है।
राहुल भट की निर्मम हत्या से परिवार दुख में है, पत्नी मिनाक्षी ने आरोप लगाया है कि, राहुल भट ने जिलाधिकारी और एसीआर से चादुड़ा से स्थानांतरण करने की मांग की थी, परंतु अधिकारियों ने नहीं सुनी। इसके कारण दो वर्षों से चादुड़ा तहसील कार्यालय में राहुल भट नौकरी कर रहे थे। पत्नी के अनुसार चादुड़ा कार्यालय में सुरक्षा के नाम पर एक भी सुरक्षा रक्षक तैनात नहीं था। इसकी परिणति राहुल भट की हत्या के रूप में हुई। अब इस प्रकरण को इक्कजुट्ट जम्मू के अध्यक्ष अंकुर शर्मा ने गंभीरता से लेते हुए एक के बाद एक प्रहार राज्य और केंद्र सरकार पर किये हैं।
कश्मीर के हों दो टुकड़े
अंकुर शर्मा ने मांग की है कि, जम्मू को अलग राज्य के रूप में घोषित किया जाए। इसके अलावा कश्मीर को दो धड़ों में केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बांटा जाए, जिसका विधान मंडल न हो। एक हिस्से में हिंदू कश्मीरियों को बसाया जाए, दूसरे हिस्से मे अन्य लोगों को बसाया जाए। उन्होंने कहा है कि, इस्लामीकरण हुए कश्मीर में हिंदुओ की मजबूती राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।
नौकरी पेशा हिंदू जिहादियों के हाथ बंधक
हिंदुओं की हत्याओं को लेकर अंकुर शर्मा ने कहा है कि, सरकार ने कश्मीर में नौकरी करनेवाले हिंदुओं को जिहादियों के हाथों बंधक रख दिया है। इसके दो प्रमुख बिंदु हैं, पहला है हिंदू नरसंहार को मान्यता न देना और दूसरा है, जम्मू कश्मीर के राष्ट्रवादियों के प्रति सरकार की शत्रुता की भावना। इन भावनाओं से सरकार जिहाद को सेक्युलर सुरक्षा प्रदान कर रही है।