देश में टोल नाका को लेकर केंद्र सरकार बड़ी योजना पर कार्य कर रही है। जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाए गए सभी टोलनाकों को बंद कर दिया जाएगा। जिससे वाहन अबाधित गति से दौड़ पाएंगे। लेकिन टोल वसूली में कोई रियायत नहीं होगी टोल के पैसे बराबर कटेंगे।
यदि आप समझ रहे हों कि टोल नाका हटाने का मतलब सरकार टोल वसूली से मुक्ति देनेवाली है तो भूल जाईये। सरकार टोल नाकों पर लगनेवाली वाहनों की कतार, समय व ईंधन की बर्बादी को खत्म करने के लिए टोल नाके खत्म करने जा रही है। जिसमें दो वर्ष का समय लगेगा। लेकिन टोल वसूली बराबर होती रहेगी।
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तो ऐसे होगी टोल वसूली
केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एसोचैम फाउंडेशन वीक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए बताया कि, देश में बेरोटकोट आवाजाही के लिए गाड़ियों को जीपीएस से लैस किया जा रहा है। इसके अंतर्गत जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू किया जाएगा। इसमें वाहनों की आवाजाही के आधार पर टोल सीधे बैंक खाते से काट ली जाएगी।
India will become 'toll naka mukt' in next two years as Government has finalised GPS technology-based toll collection to ensure seamless movement of vehicles across the country: Union minister @nitin_gadkari, while addressing a webinar during #ASSOCHAMFoundationWeek. pic.twitter.com/DZ7dxVTHuP
— ASSOCHAM (@ASSOCHAM4India) December 17, 2020
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इस देश में है तकनीकी
नितिन गडकरी ने बताया कि रूस में ऑटोमेटेड टोल सिस्टम लागू है। उसे इस प्रक्रिया में अच्छी विशेषज्ञता है। इसमें दूरी के अनुसार टोल बैंक अकाउंट से काटा जाता है। दो वर्षों में यह व्यवस्था हमारे देश में लागू हो जाएगी। मंत्री ने आगामी पांच वर्षों में टोल कलेक्शन के 1.34 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का भरोसा व्यक्त किया है।
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