क्यों बार-बार डराती है दिल्ली?

भूकंप के मामले में दिल्ली बेहद संवेदनशील माना जाता है। भूवैज्ञानकों ने दिल्ली और इसके आसपास के इलाके को जोन-4 में माना है। यहां 7.9 रिएक्टर तीव्रता का भूकंप आ सकता है। इतनी तीव्रता के भूकंप का मतलब तबाही है।

137

देश की राजधानी दिल्ली को कोरोना के कहर के बीच भूकंप के झटके भी डरा रहे हैं। राहत की बात यह है कि अब तक के भूकंप की तीव्रता कम रही है। इस वजह से जानमाल की कोई क्षति नहीं हुई है। 17 दिसंबर की रात 11 बजकर 46 मिनट पर भी भूकंप के झटके ने लोगों मे डर और घबराहट का माहौल पैदा कर दिया। वे घर से बाहर निकल आए। हालांकि भूकंप की तीव्रता 4.2 रहने से किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। इसका केंद्र गुरुग्राम से 48 किलोमीटर दक्षिण में बताया गया। इससे पहले 2 दिसंबर की सुबह भी दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे।

राजस्थान और मणिपुर में भी भूकंप
दिल्ली-एनसीआर के साथ ही 17 दिसंबर की रात राजस्थान के सीकर जिले और मणिपुर के कई इलाको में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी से मिली जानकारी के अनुसार सीकर में आए भूकंप के झटके की तीव्रता जहां 3.0 रिक्टयर मापी गई, वहीं मणिपुर में इसकी तीव्रता 3.2 थी। मणिपुर में भूकंप का केंद्र मोइरंग बताया गया। यह मणिपुर से 38 किलोमीटर दक्षिण में था। यहां इसका समय 17 दिसंबर की रात 10.03 बजे था।

ये भी पढ़ेंः बिन टोल नाका ऐसे कटेगा टोल!

ये इलाके बेहद संवेदनशील
भूकंप के मामले में दिल्ली बेहद संवेदनशील माना जाता है। भूवैज्ञानकों ने दिल्ली और इसके आसपास के इलाके को जोन-4 में माना है। यहां 7.9 रिएक्टर तीव्रता का भूकंप आ सकता है। इतनी तीव्रता के भूकंप का मतलब तबाही है। दिल्ली में भूकंप की आशंका वाले इलाकों में यमुना तट के करीबी इलाके, पूर्वी दिल्ली, शाहदरा, मयूर विहार, लक्ष्मी नगर और गुड़गांव, रेवाड़ी तथा नोएडा के इलाके शामिल हैं।

2020 में आ चुके हैं कई झटके

  • दिल्ली में अप्रैल से मई तक पांच बार भूकंप के झटके आ चुके हैं।
  • 10 मई को 3.4 तीव्रता के भूकंप का केंद्र सतह से पांच किलोमीटर नीचे स्थित था।
  • 3 मई को भी एक हल्का भूकंप आया था।
  • इससे पहले 12 अप्रैल को दिल्ली-एनसीआर में शाम 5.50 बजे के करीब भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
  • 13 अप्रैल को फिर भूकंप आया था। इसकी तीव्रता 2.7 दर्ज की गई थी।

आते रहे हैं तबाही मचानेवाले भूकंप
भारत में अनंतकाल से तबाही मचानेवाले भूकंप आते रहे हैं। 2001 में गुजरात के कच्छ में आए भूकंप में हजारों लोग मारे गए थे। टेक्टॉनिक प्लेटों के आपस में टक्कर के कारण भारतीय उपमहाद्वीप में अक्सर भूकंप के झटके आते रहते हैं।

भारत में चार भूकंप जोन
भारतीय मानक ब्यूरो ने भारत को चार भूकंपीय जोन में बांटा है। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक जोन 5 है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस जोन में रिक्टर स्केल पर 9 तीव्रता का भूकंप आ सकता है।

ये भी पढ़ेंः ऐसी है बीजेपी की ऑपरेशन टीएमसी टीम!

जोन 5
जोन-5 में पूरा पू्र्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर के कुछ भाग, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात में कच्छ का रन, उत्तरी बिहार का कुछ भाग और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल है। इन क्षेत्रों में अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।

जोन-4
जोन-4 में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्से, दिल्ली, सिक्कीम, उत्तर प्रदेश का उत्तरी हिस्सा, सिंधु-गंगा के किनारे, बिहार ,पश्चिम बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से, पश्चिमी तट के समीप महाराष्ट्र का कुछ भाग और राजस्थान शामिल है।

जोन3
जोन-3 में केरल, गोवा, लक्षद्वीप समूह, उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्से, गुजरात और पश्चिम बंगाल, पंजाब के हिस्से, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं।

जोन-2
यह जोन भूकंप की दृष्टि से सबसे कम सक्रिय क्षेत्र है। इसे सबसे कम विनाशकारी वाले क्षेत्र की श्रेणी में रखा जाता है। जोन-2 में देश के बाकी हिस्से शामिल हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.