असम में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से 16 मई की देर रात जारी आंकड़ों के अनुसार असम के 20 जिलों के 46 राजस्व सर्किल बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रभावित जिलों में बजाली, बाक्सा, बिश्वनाथ, कछार, चराईदेव, दरंग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, डिमा-हसाउ, होजाई, कामरूप, कार्बी आंगलोंग वेस्ट, कोकराझार, लखीमपुर, माजुली, नगांव, नलबाड़ी, शोणितपुर, तामुलपुर, उदलगुड़ी शामिल हैं। बाढ़ से पांच और लोगों की मौत हो गई है।
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की ओर से जारी तथ्यों के अनुसार ब्रह्मपुत्र नद निमातीघाट में खतरे के निशान के आसपास बह रही है। कामपुर में कपिली नदी का जलस्तर काफी ऊंचाई पर बह रहा है।
20 जिलों के लाखों लोग प्रभावित
बाढ़ का पानी 20 जिलों के 652 गांवों में प्रवेश कर गया है, जिसकी वजह से 197248 नागरिक प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के पानी में कुल 16645.61 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसल डूब गयी है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 55 राहत शिविर खोले गये हैं। इसके अलावा 12 राहत वितरण शिविर स्थापित किये गये हैं, जहां से प्रभावित लोगों को आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया जा रहा है। राहत शिविर में कुल 32959 लोग रह रहे हैं। जिसमें 3189 बच्चे तथा 19 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। बाढ़ के दौरान कछार जिले में दो व्यक्तियों की मौत हो गयी है। वहीं तीन व्यक्ति बाढ़ में गायब हैं, जिनकी तलाश जारी है।
पांच बड़े और कई छोटे पशुओं की मौत
बाढ़ से पशु भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के दौरान पांच बड़े पशु और एक छोटे पशु की मौत हो गयी है। बाढ़ के दौरान 1005 कच्चे मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। आंशिक रूप से 1657 कच्चे और 75 पक्के मकान भी क्षतिग्रस्त हुआ है। छोपड़ीनुमा 150 आवास भी नष्ट हुए हैं।
राहत और बचाव कार्य जारी
राहत एवं बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन, स्थानीय पुलिस कर्मी जुटे हुए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 31 नावों को तैनात किया गया है। 16 मई को कुल 857 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। 23 पशुओं को भी नाव के जरिए बचाया गया है। आठ स्वास्थ्य टीमें भी अपनी सेवाएं बाढ़ प्रभावित इलाकों में दे रही हैं।
सड़क और पुल को भी नुकसान
16 मई को बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच 307.43 क्विंटल चावल, 57.65 क्विंटल दाल, 16.78 क्विंटल नमक, 1530.3 लीटर सरसों का तेल के अलावा पशु का चारा- गेंहू का भूसा 26 क्विंटल, मवेशी चारा- चावल की भूसी 195.81 क्विंटल भी वितरित किया गया। बाढ़ के चलते रेलवे ट्रैक, सड़क, पुल आदि को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
@RailNf personnel working amid tough conditions to repair the washed out rail track at New Halflong station, Assam – watch how an empty train is washed away by flowing debris — caused by continuous rain and landslides across Dima Hasao district. pic.twitter.com/IUdDYkzb13
— Karishma Hasnat (@karishmahasnat) May 16, 2022
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