वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद को मंदिर के स्थान पर बनाए जाने के पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद देश की कई मस्जिदों पर सवाल उठने लगे हैं। इनमें से एक कर्नाटक स्थित जामिया मस्जिद भी शामिल है। इसे मुसलमान शासक टीपू सुल्तान द्वारा बनाया गया था। इसे मंदिर के स्थान पर बनाए जाने का आरोप लगाते हुए हिंदू संगठनों ने यहां पूजा करने की अनुमति मांगी है।
मुसलमान शासक टीपू सुल्तान द्वारा निर्मित कर्नाटक में स्थित इस मस्जिद को जामिया या अल-अला मस्जिद के नाम से जाना जाता है। इसे लेकर हिंदू संगठनों का दावा है कि पहले यहां एक हनुमान मंदिर था। इसकी दीवारों और खंभों पर इसके साक्ष्य आज भी मौजूद हैं। यह मस्जिद विजयनगर साम्राज्य के श्रीरंगपट्टन किले में बनाई गई है।
पूजा करने की मांग
नरेंद्र मोदी विचार मंच का कहना है कि बेंगलुरू से 120 किमी दूर श्रीरंगपट्टन के किले में स्थित जामिया मस्जिद में पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके लिए मंच के नेताओं ने मांड्या जिला प्रशासन को एक पत्र भी सौंपा है। मंच के प्रदेश सचिव सीटी मंजूनाथ ने दावा किया कि यह मस्जिद, मंदिर तोड़कर बनाई गई है।
हिंदू संगठन का दावा
मंच का दावा है कि यहां पहले जो हनुमान मंदिर था, उसका नाम आंजनेय मंदिर था। उसके नेताओं ने यह भी कहा है कि ऐतिहासिक प्रमाण बताते हैं कि विजयनगर साम्राज्य पर कब्जा करने के बाद मंदिर को मस्जिद में बदलने के लिए टीपू सुल्तान ने फारस के राजा खलीफा को पत्र लिखा था। हिंदू संगठन के नेताओं ने पुरातत्व विभाग से अनुरोध किया है कि दस्तावेजों की जांच की जाए। फिलहाल इस किले की इमारतें एएसआई के अधीन है।
महंत ऋषि कुमार स्वामी का दावा
काली मठ के महंत ऋषि कुमार स्वामी ने दावा किया कि वर्ष 1784 में मंदिर को तोड़कर टीपु सुल्तान ने वहां मस्जिद का निर्माण कराया था। उन्होंने वहां शिलालेख मौजूद होने का दावा किया। मस्जिद में तत्कालीन होयसला साम्राज्य का प्रतीक भी है। मस्जिद तोड़ने की धमकी देने के मामले में स्वामी की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। हिंदू संगठनों की पूजा की अनुमति मांगने पर मस्जिद कमिटी ने सुरक्षा की मांग की है।