हाथरस मामला : जो पुलिस ने नकारा उसे सीबीआई ने स्वीकारा!

हाथरस मामले में तमाम आरोप-प्रत्यारोप और सियासी दांवपेंचों के बाद सीबीआई ने आरोप पत्र दायर कर दिया है। जिसमें वो सारे आरोप शामिल किये गये हैं जो पीड़िता का परिवार लगा रहा था।

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हाथरस मामले में सीबीआई ने आरोप पत्र दायर कर दिया है। इसमें चारो आरोपियों पर सामूहिक बलात्कार, हत्या का आरोप लगाया गया है। सीबीआई ने एससी-एसटी कोर्ट में ये आरोप पत्र दायर किया है। इस मामले में विशेष रिपोर्ट दायर की गई थी। जिसमें एससी-एसटी एक्ट, सेक्शन 376-डी (गैंगरेप), सेक्शन 302, सेक्शन 354 और 376-ए के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में पुलिस गैंगरेप से इन्कार कर रही थी जो अब सीबीआई के अरोप पत्र से साफ हो गया है।

14 सितंबर 2020 को उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक 19 वर्षीय युवती के साथ बलात्कार और जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया था। इस मामले में पीड़िता के पड़ोस में रहनेवाले उच्च वर्ग के चार लोगों पर आरोप लगा था। 29 सितंबर 2020 को पीड़िता की मौत हो गई थी। इस बीच यह विषय देश में काफी सुर्खियों में रहा। हाथरस में बड़े प्रदर्शन हुए। सियासत भी इसको लेकर खूब हुई।

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अंत्येष्टि पर भी बवाल

पीड़िता की 29 सितंबर को दिल्ली के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इससे पीड़िता के गांव में वातावरण अधिक गरम हो गया था। इस स्थिति को भांपते हुए आरोप है कि पुलिस ने अपनी देखरेख में 30 सितंबर की रात में पीड़िता की उसके गांव में अंत्येष्टि करा दिया। इसको लेकर परिवार में भारी असंतोष फूट पड़ा। परिजनों ने पुलिस पर दबावतंत्र अपनाने का आरोप लगाया। इस मामले में संदीप, लवकुश, रवि और रामू नामक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

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मामले की निष्पक्ष जांच की मांग

पुलिस की कार्यशैली को लेकर परिजन शुरू से ही प्रश्न उठा रहे थे। वे इस मामले में न्यायालय की देखरेख में एसआईटी जांच की मांग कर रहे थे। जबकि आरोपियों का परिवार भी मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए हर जांच तो तैयार था। इसके बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई ने चारो आरोपियों की भूमिका की अलग-अलग कोणों से जांच की। उनके फॉरेंसिक जांच कराए गए। इसके अलावा जांच एजेंसी ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के उन डॉक्टरों से जानकारी प्राप्त की जिन्होंने घटना के बाद पीड़िता का इलाज किया था। इस मामले की जांच सीबीआई की गाजियाबाद युनिट को सौंपा गया था।

 

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