सागरी सुरक्षा को नई शक्ति, नौसेना के दो फ्रंटलाइन युद्धपोत सूरत और उदयगिरी समंदर में उतरे

नौसेना को इस प्रोजेक्ट का पहला युद्धपोत साल 2023 में, दूसरा और तीसरा युद्धपोत साल 2024 और 2025 में उपलब्ध हो जाएगा।

145

स्वदेशी युद्धपोत निर्माण के इतिहास में 17 मई का दिन इसलिए ऐतिहासिक हो गया क्योंकि भारतीय नौसेना के दो फ्रंटलाइन युद्धपोतों 15बी डिस्ट्रॉयर सूरत और 17ए फ्रिगेट उदयगिरी को परीक्षण के लिए समंदर में उतार दिया। मझगांव डॉक्स लिमिटेड, मुंबई में 17 मई को लॉन्च किए गए दोनों जहाजों के अलग-अलग जलावतरण कार्यक्रमों के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि रहे। इन जहाजों के निर्माण में 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया है जो समुद्री जहाजों के निर्माण में देश की ”आत्मनिर्भरता” का शानदार उदाहरण है।

ये भी पढ़ें – मैकडॉनल्ड्स ने रूस छोड़ने का किया ऐलान, खरीदारों के लिए है ये शर्त

भारतीय नौसेना को समुद्री शक्ति बनने में मिलेगी मदद
प्रोजेक्ट 15 बी श्रेणी का जहाज आईएनएस सूरत भारतीय नौसेना की अगली पीढ़ी का स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक हैं जिसे मझगांव डॉक्स लिमिटेड, मुंबई में बनाया गया है। ”सूरत” प्रोजेक्ट 15बी डिस्ट्रॉयर्स का चौथा जहाज है, जो पी15ए (कोलकाता क्लास) डिस्ट्रॉयर्स के महत्वपूर्ण बदलाव की शुरुआत है। इसका नाम गुजरात राज्य की वाणिज्यिक राजधानी के नाम पर रखा गया है और मुंबई के बाद पश्चिमी भारत का दूसरा सबसे बड़ा वाणिज्यिक केंद्र भी है। सूरत शहर का समुद्री जहाज के निर्माण में समृद्धशाली इतिहास है। यहां 16वीं और18 वीं शताब्दी में निर्मित जहाजों को उनकी लंबी उम्र (100 से अधिक वर्षों से) के लिए जाना जाता है। पी-15बी श्रेणी के विध्वंसक जहाज हिंद-प्रशांत के बड़े महासागरों में अहम भूमिका निभा सकते हैं, जिससे भारतीय नौसेना को समुद्री शक्ति बनने में मदद मिलेगी।

बंदरगाह परीक्षणों के लिये तैयार
युद्धपोत आईएनएस सूरत को ब्लॉक निर्माण पद्धति का उपयोग करके बनाया गया है। प्रोजेक्ट 15बी के पहले जहाज आईएनएस ”विशाखापत्तनम” को 2021 में कमीशन किया गया था। इस श्रेणी के दूसरे जहाज ‘मुरगांव’ को वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था और इसे बंदरगाह परीक्षणों के लिये तैयार किया जा रहा है। तीसरा जहाज ”इंफाल” वर्ष 2019 में लॉन्च हुआ था और यह अपने निर्माण के एडवांस चरण में है।

कई स्वदेशी हथियार प्रणालियां
17 मई लॉन्च किया गया युद्धपोत सूरत प्रोजेक्ट 15बी का चौथा जहाज है। यह सभी जहाज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से लैस हैं। इन जहाजों में स्वदेशी टारपीडो ट्यूब लॉन्चर, पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 मिलीमीटर सुपर रैपिड गन माउंट जैसी कई स्वदेशी हथियार प्रणालियां हैं।

भारतीय नौसेना में कार्यरत रहे
आंध्र प्रदेश में एक पर्वत शृंखला के नाम पर रखा गया ”उदयगिरी” प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स का तीसरा जहाज है। इस परियोजना के छह स्वदेशी युद्धपोतों का नामकरण 1972 और 2013 के बीच भारतीय नौसेना में कार्यरत रहे पुराने वर्ग के जहाजों के आधार पर किया गया है जिनमें नीलगिरि, हिमगिरी, तारागिरी, उदयगिरि, दूनागिरी और विंध्यागिरी हैं। इस प्रोजेक्ट के पहले दो जहाजों ”नीलगिरि” को 2019 में और ”हिमगिरि” को 2020 में लॉन्च किया गया था। ये बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार और सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस हैं। यह पी17 फ्रिगेट (शिवालिक श्रेणी) का उन्नत संस्करण है जिसमें बेहतर हथियार और सेंसर प्रणाली लगी हैं।

युद्धपोत ”उदयगिरी” लिएंडर क्लास के एएसडब्ल्यू फ्रिगेट का पुनर्जन्म है, जिसने 18 फरवरी, 1976 से 24 अगस्त, 2007 तक तीन दशकों में देश की अपनी शानदार सेवा के दौरान कई चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन देखे थे। प्रोजेक्ट 17ए के तहत मझगांव डॉक्स लिमिटेड (एमडीएल) में 04 और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) में 03 यानी कुल सात जहाज निर्माणाधीन हैं। हर शिप 149 मीटर लंबा और करीब 6670 टन क्षमता तथा इसकी रफ्तार 28 समुद्री मील है। जीआरएसई को 17ए प्रोजेक्ट के तहत तीन स्टील्थ फ्रिगेट के निर्माण का ठेका 19,294 करोड़ रुपये में दिया गया है। नौसेना को इस प्रोजेक्ट का पहला युद्धपोत साल 2023 में, दूसरा और तीसरा युद्धपोत साल 2024 और 2025 में उपलब्ध हो जाएगा।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.