तेज धूप, उमस भरी गर्मी से गर्मी से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। घर में रहना भी मुश्किल हो गया है। एक तरफ पंखे की हवा लगती है तो दूसरे तरफ पसीना निकलता है। ऐसे में पाचन क्रिया से संबंधित रोगियों की संख्या भी बढ़ रही है, लेकिन मौसम विभाग की मानें तो अभी इससे लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है।
तापमान में गिरावट
भारतीय मौसम विज्ञान केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक जेपी गुप्ता का कहना है कि अभी उमस भरी गर्मी से कोई राहत मिलने वाली नहीं है। चार से पांच दिन तक तापमान ऐसे ही बना रहेगा। पूरे प्रदेश में गर्मी बनी रहेगी लेकिन इस वर्ष मानसून समय से आने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि तापमान से ज्यादा आर्द्रता बढ़ने से गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है। अगले चार दिनों तक यह बने रहने की संभावना है। आसमान में धूल के कण कई बार छाये रह सकते हैं लेकिन उससे तापमान में गिरावट नहीं आएगी। कहीं-कहीं आंधी भी आ सकती है।
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कीट नाशक दवाओं का भी प्रयोग
इस संबंध में कृषि वैज्ञानिक डाक्टर मुनीष कुमार का कहना है कि किसानों को सब्जियों के खेतों में हमेशा नमी का ध्यान देना चाहिए। नमी की कमी न हो, इसका उपयुक्त प्रबंधन करना जरूरी है, वरना पौधे बरबाद हो जाएंगे। इसके साथ ही कीट नाशक दवाओं का भी प्रयोग करना जरूरी है।
वहीं डाक्टर महेन्द्र पांडेय का कहना है कि लोगों को खान-पान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। लोग ताजा भोजन ही करें। बाहर के खुले स्थान पर बिकने वाले शीतल पेय पदार्थ भी नुकसान पहुंचा सकता है। इस समय पेट से संबंधित रोगों का प्रकोप ज्यादा बढ़ रहा है।
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