अब अमेरिका से गोपनीय दस्तावेज गुल!

साइबर अटैक की जानकारी मिलते ही राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन और ऊर्जा विभाग की टीम ने हैकिंग से संबंधित जानकारी यूएस कांग्रेस समिति को भेज दी है। हालांकि सरकार ने यह मानने से इनकार किया है कि इस अटैक में गोपनीय फाइलों की चोरी की गई है।

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विश्व का सबसे ताकतवर देश अमेरिका के परमाणु हथियारों के भंडार की देखरेख राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन और ऊर्जा विभाग( डीओई) सहित कई एजेंसियो के नेटवर्क पर साइबर अटैक हुआ है। बताया जा रहा है कि हैकर्स गोपनीय दस्तावेज चोरी करने में सफल रहे हैं। अमेरिकी मीडिया कंपनी पॉलिटिको ने अपनी एक रिपोर्ट में संबंधित विभागों के अधिकारियों के हवाले से यह खबर दी है।

सरकार ने किया इनकार
साइबर अटैक की जानकारी मिलते ही राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन और ऊर्जा विभाग की टीम ने हैकिंग से संबंधित जानकारी यूएस कांग्रेस समिति को भेज दी है। हालांकि सरकार ने यह मानने से इनकार किया है कि इस अटैक में गोपनीय फाइलों की चोरी की गई है। बता दें कि नासा ही अमेरिका के परमाणु हथियारों की जिम्मेदारी संभालता है। नेटवर्क पर हमले को अमेरिका की सुरक्षा में बड़ी चूक के रुप में देखा जा रहा है।

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माइक्रोसॉफ्ट को भी बनाया निशाना
एक रिपोर्ट के अनुसार साइबर अपराधियों ने माइक्रोसॉफ्ट को भी निशाना बनया। लेकिन कंपनी ने इससे इनकार किया है। कंपनी का कहना है उसे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है और न ही उसके उत्पादों का इस्तेमाल कर अन्य एजेंसियों को निशाना बनाया गया है। हालांकि कंपनी ने इतना माना है कि उसके सिस्टम में हैंकिंग से जुड़े सॉफ्टवेयर पाए गए हैं और अमेरिकी एजेंसियों में संदिग्ध गतिविधियां रिकॉर्ड की गई हैं। उनमें न्यू मौक्सिको और वाशिंगटन का फेडरल प्रशासन एनर्जी रेगुलेटरी कमीशन, राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन, ऊर्जा विभाग सहित कुछ अन्य एजेंसियां शामिल हैं। साइबर अपराधियों के निशाने पर आईं सभी एजेंसिया अमेरिका के परमाणु हथियारों के भंडार को नियंत्रित और उनका सुरक्षित परिवहन सुनिश्ति करती है।

रुस पर शक
अमेरिका को इस साइबर अटैक में रुस के हाथ होने का शक है। इससे पहले भी अमेरिका कई बार रुस पर साइबर अटौक का आरोप लगा चुका है। अमेरिका की साइबर सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्य रुप से साइबर सिक्यूरिटी और इन्फ्रास्ट्रक्टर एजेंसी के पास है। जानकरों का मानना है कि ट्रंप काल मे यह एजेंसी काफी कमजोर हो गई है। अबतक यहां से पूर्व निदेशक क्रिस्टोफर क्रेब्स सहित कई आला अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

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