उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) की बसों में लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में 20 मई से सड़क पर बस रोककर सवारी बैठाने और उतारने पर चालान काटकर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माना की राशि बस चालकों (ड्राइवरों) के वेतन से हर महीने की सात तारीख को काटकर परिवहन निगम मुख्यालय को रिपोर्ट भेजनी होगी।
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दो हजार रुपये का दंड
परिवहन निगम की अपर प्रबंध निदेशक अन्नापूर्णा गर्ग के आदेश के अनुसार, पूरे प्रदेश में रोडवेज बसें 20 मई से अपनी क्षमता के अनुसार बस अड्डों पर ठहराव करेंगी। इस दशा में रोडवेज बसें सड़क पर पार्किंग करती हैं तो चालक के ऊपर प्रथम अवसर पर ही दो हजार रुपये का दंड अधिरोपित किया जाएगा। परिवहन निगम की नई व्यवस्था प्रदेश भर में तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। इसके पहले प्रतिबंधित रूटों से बसें ले जाने और बिना स्टापेज बसों के ठहराव करने पर 200 रुपये का चालान काटा जा रहा था। सड़क सुरक्षा के मद्देनजर यह धनराशि बढ़ाकर अब दस गुना कर दी गई है।
रोडवेज बस चालकों की मनमानी
परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस का कहना है कि सड़क सुरक्षा के मद्देनजर जुर्माने की धनराशि बढ़ाकर दो हजार रुपये कर दी गई है। इससे रोडवेज बस चालकों की मनमानी पर काफी हद तक लगाम लगेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त आदेश
दरअसल, सड़क सुरक्षा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद परिवहन निगम सख्त हो गया है। अब रोडवेज बसों से यदि जाम लगा तो इसके जिम्मेदार बस चालक होंगे। बस चालकों के द्वारा सड़क पर सवारी बैठाने और उतारने पर उनके वेतन से हर महीने की सात तारीख को दो हजार रुपये जुर्माना की राशि काटकर परिवहन निगम मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी।