चिंतन शिविर से कांग्रेस को क्या मिला? ‘पीके’ ने की भविष्यवाणी

सिमटती कांग्रेस राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से राय लेती रही है। पार्टी को संजीवनी दिलाने के लिए प्रशांत किशोर को साथ लेने के लिए भी चर्चा चलती रही है।

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गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनावों में कांग्रेस की कैसी स्थिति रह सकती है, इस पर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपना आंकलन व्यक्त किया है। वे उदयपुर में संपन्न कांग्रेस के चिंतन शिविर पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।
प्रशांत किशोर कांग्रेस की दिल्ली में हुई बैठक में सम्मिलित हुए थे। जिसमें कयास लगाए जा रहे थे कि, वे कांग्रेस से जुड़ सकते हैं, परंतु ऐसा कुछ नहीं है। अब उदयपुर में कांग्रेस ने शीर्ष नेताओं का चिंतन शिविर आयोजित किया था। जिसके बाद प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि, दो राज्यों के आगामी विधान सभा चुनावों में कांग्रेस के हिस्से घोर पराजय ही रहेगी।

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चिंतन शिविर से क्या मिला
पीके (प्रशांत किशोर) के अनुसार कांग्रेस के चिंतन शिविर से पार्टी को वर्तमान के परिस्थिति को यथावत् रखने के लिए समय मिला। इस शिविर में शीर्ष नेता कांग्रेस की परिस्थिति को सुधारने को लेकर कोई निर्णायक कदम नहीं उठा पाए। इस संबंध में एक ट्वीट भी प्रशांत किशोर ने किया है।

ये है पीके की ट्वीट में

मुझसे लगातार कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर पर प्रतिक्रिया देने के लिए पूछा जा रहा है।

मेरे अनुसार, यह वर्तमान परिस्थिति को लंबे काल तक यथास्थिति में रखने और कांग्रेस नेतृत्व को अधिक समय दिलाने से अधिक कोई अर्थपूर्ण समाधान खोजने में असफल रही है। कम से कम गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों में आसन्न घोर पराजय तक तो।

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