मुंबई की विशेष न्यायालय को मंत्री नवाब मलिक और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के संबंधों के साक्ष्य मिले हैं। इसके बाद कोर्ट ने नवाब मलिक के विरुद्ध कार्रवाई जारी रखने का निर्देश दिया है। इससे नवाब मलिक की मुसीबतें बढ़ गई है। नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दाऊद इब्राहिम मनी लॉड्रिंग केस में गिरफ्तार किया है। वह आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। अब न्यायालय द्वारा यह स्वीकार किये जाने के बाद नवाब मलिक को जल्द राहत मिलने का बहुत कम ही चांस है।
नवाब सीधे तौर शामिल
ईडी ने 21 अप्रैल को मलिक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले की सुनवाई कर रहे विशेष कोर्ट के जज राहुल रोकड़े ने ईडी के आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है। अदालत ने पाया कि नवाब मलिक जानबूझकर और सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे। साथ ही कुर्ला में गोवावाला कंपाउंड को अपने कब्जे में लेने के लिए नवाब मलिक ने दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और उसके अंगरक्षक सलीम पटेल के साथ कई बैठकें की। अदालत ने पाया कि नवाब मलिक ने धनशोधन किया।
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जारी रहेगी कार्रवाई
जज आरएन रोकड़े ने कहा है कि इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं। पहली नजर में पता चला है कि नवाब मलिक जानबूझकर इस मामले में शामिल थे। विशेष अदालत ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए नवाब मलिक और 1993 के बम धमाकों के दोषी और सरदार शाहवाली खान के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने का निर्देश दिया है।
ईडी के चार्टशीट में 17 गवाह हैं। इसमें दाऊद के भाई इकबाल कासकर और हसीना पारकर के बेटे अलीशा पारकर के साथ-साथ सरदार शाहवाली खान के जवाब शामिल हैं। पता चला है कि ईडी ने अपनी चार्टशीट में नवाब मलिक और सरदार शाहवाली खान को आरोपित किया है।
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