आखिरकार कब बनेगा भैरवनाथ मंदिर? श्री बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया

श्री बदरी-केदार मंदिर समिति को प्रतिवर्ष करोड़ों की आय चार धामों तथा संबंधित अन्य मंदिरों से प्राप्त करती है। अकेले प्रतिवर्ष विश्वनाथ मंदिर की आय लगभग 10 लाख के करीब होती है।

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छोटा केदार के रूप में विख्यात गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर में वर्षों से भैरव नाथ मंदिर के न बनने से शिव भक्तों को खासी निराशा हाथ लगी है। पंच पांडव और भैरव नाथ की प्रस्तर मूर्तियों को अर्धनारीश्वर मंदिर से ही दर्शन कर तीर्थयात्री और श्रद्धालु केदारनाथ धाम की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। जबकि श्री बदरी-केदार मंदिर समिति करोड़ों रुपये की आय इन्हीं तीर्थ यात्रियों से प्राप्त करती है।

वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा से पूर्व मंदिर के निकट कोठा भवन में स्थापित भैरवनाथ और पंच पांडवों की मूर्तियों की पूजा की जाती थी ,लेकिन बदरी-केदार मंदिर समिति द्वारा कोठा भवन के जीर्णोद्धार और नए भैरवनाथ मंदिर की स्थापना को लेकर यहां स्थित कोठा भवन को गिराया गया, लेकिन लम्बा वक्त गुजरने के बाद भी अभी तक भैरवनाथ मंदिर नही बन पाया है, जबकि भगवान शिव के अग्रवीर भैरवनाथ को माना जाता है।

मंदिर समिति का कहना है कि कोठा भवन गिराए जाने के बाद भैरवनाथ की तथा पंच पांडव की मूर्तियों को अर्धनारीश्वर मंदिर में रखा गया है। इसके बाद दिल्ली के एक प्रसिद्ध उद्योगपति द्वारा भैरवनाथ मंदिर के निर्माण के लिए शिलान्यास भी किया गया था, लेकिन उसके बाद अभी तक यह मंदिर नहीं बन पाया है। इससे मंदिर समिति उहापोह की स्थिति में था। अब मंदिर समिति ही मंदिर का निर्माण करवाएगी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि श्री बदरी-केदार मंदिर समिति को प्रतिवर्ष करोड़ों की आय चार धामों तथा संबंधित अन्य मंदिरों से प्राप्त करती है। अकेले प्रतिवर्ष विश्वनाथ मंदिर की आय लगभग 10 लाख के करीब होती है इतनी आय प्राप्त करने के बाद भी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया है, जो सोचनीय विषय है। श्री बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि जून माह के बाद भैरवनाथ मंदिर निर्माण की दिशा में पहल की जाएगी। उन्होंने कहा कि आस्था और विश्वास का केंद्र विश्वनाथ मंदिर के निकट भैरवनाथ मंदिर के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इस हेतु व्यापक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। शीघ्र निर्माण की दिशा में पहल की जाएगी।

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