पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने विदेश में रहने वाले करीब 90 लाख पाकिस्तानियों को मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने आम चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) हटाने के लिए चुनाव संशोधन विधेयक 2022 पारित किया है। विधेयक को बहुमत से पारित कर दिया गया।
नेशनल असेंबली में 26 मई को बहुमत से पारित चुनाव संशोधन विधेयक 2022 को संसदीय कार्य मंत्री मुर्तजा जावेद अब्बासी ने पेश किया था। संशोधन चुनाव अधिनियम 2017 में प्रस्तावित किया गया था, जिसे पहले संशोधित कर और विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों को आम चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के माध्यम से मतदान करने का अधिकार दिया गया था।
संघीय कानून और न्याय मंत्री ने कही ये बात
संघीय कानून और न्याय मंत्री आजम नजीर तरार ने कहा कि इमरान सरकार ने चुनाव द्वितीय संशोधन विधेयक 2021 के माध्यम से संशोधन किया था, जिसे 17 नवंबर, 2021 को 32 अन्य विधानों के साथ नेशनल असेंबली के माध्यम से खत्म कर दिया था। उन्होंने कहा कि 26 मई को पेश किए गए विधेयक में उन संशोधनों से पहले के आकार में चुनाव अधिनियम 2017 को पुनर्जीवित करने की मांग की गई है, जो स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही तरार ने कहा कि विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी देश की अनमोल संपत्ति हैं और सरकार उनके वोट का अधिकार छीनने में विश्वास नहीं करती है।
ईवीएम के उपयोग का परीक्षण जारी
पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम का उपयोग परीक्षण के चरण में है। हालांकि, देश के कई हिस्सों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के साथ देश के भीतर ईवीएम की उपयोगिता और उपयोग भी सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
विपक्षी पार्टी ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस की मांग
संसद सत्र के दौरान विपक्षी पार्टी ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) के घोष बख्श मेहर ने कहा कि दुनियाभर में ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है और पाकिस्तान को कम से कम उनका इस्तेमाल करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर पूरे देश में नहीं, तो कुछ क्षेत्रों में उनका इस्तेमाल करें।