मध्य प्रदेश में वाणिज्यिक कर विभाग ने पकड़ी करोड़ों की कर चोरी! जानें, मॉडस ऑपरेंडी

टैक्स रिसर्च एवं एनालिसिस विंग परिक्षेत्र इंदौर द्वारा व्यवसायियों का जीएसटी पोर्टल, ई-वे बिल, गेन पोर्टल पर उपलब्ध डाटा का सूक्ष्म विश्लेषण किया गया।

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बड़े पैमाने पर कर चोरी की जानकारी के आधार पर कमिश्नर वाणिज्यिक कर लोकेश कुमार जाटव एवं उनके सहयोगी 70 अधिकारियों की टीम ने जबलपुर, सागर, इंदौर एवं राजगढ़ जिलों में आठ व्यवसाइयों के 14 व्यवसायिक स्थानों पर एक साथ कड़ी कार्रवाई करते हुए कर चोरी पकड़ी है।

जनसम्पर्क अधिकारी संतोष मिश्रा ने 28 मई को बताया कि जांच की कार्रवाई में महिला अधिकारियों राज्य कर सहायक आयुक्त जबलपुर वंदना गोंड एवं सहायक आयुक्त वंदना सिन्हा ने विपरीत परिस्थितियों में सराहनीय कार्य किया। जांच में दोषी व्यवसायियों द्वारा बाधा उत्पन्न करने से चुनौतीपूर्ण स्थितियां बनी थी, जिसका महिला अधिकारियों ने सामना किया और सफलतापूर्वक नियमानुसार जांच पूरी की।

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 प्रभावी कार्रवाई
उन्होंने बताया कि वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा कर संबंधी डेटा विश्लेषण पर विशेष ध्यान देने, डेटा एनालिटिक्स की नवीनतम तकनीकी का उपयोग करने, गोपनीय तंत्र को मजबूत बनाकर टैक्स चोरी रोकने के प्रयासों को सफलता मिल रही है। जीएसटी अधिनियम की धारा 67-2 एवं 68 में प्रभावी कार्रवाई की जा रही है । छापे की कार्रवाई को नया रूप देते हुए अब सेक्टर विशेष में व्याप्त कर चोरी के तरीकों को उजागर कर दोषी व्यवसायियों के विरुद्ध संगठित तरीके से कार्रवाई की जा रही है।

डाटा का किया गया सूक्ष्म विश्लेषण
टैक्स रिसर्च एवं एनालिसिस विंग परिक्षेत्र इंदौर द्वारा व्यवसायियों का जीएसटी पोर्टल, ई-वे बिल, गेन पोर्टल पर उपलब्ध डाटा का सूक्ष्म विश्लेषण किया गया। गोपनीय रूप से व्यवसायियों के वित्तीय व्यवहार और व्यवसायिक स्थल की जानकारी एकत्र की गई। इस रिपोर्ट के आधार पर एक साथ छापे की कार्रवाई की गई।

7 करोड़ की कर चोरी
जांच में मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों विशेषकर छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र की फर्मो के विरुद्ध भी संदिग्ध वित्तीय व्यवहार के साक्ष्य मिले हैं, जिनके विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। इस पूरी कार्रवाई में लगभग 40 से 50 करोड़ रुपये की नियम विरुद्ध खरीदी एवं बिक्री उजागर होने की संभावना है। इसमें 7 करोड़ की कर चोरी की गई है। कार्यवाही के दौरान दोषी व्यवसायियों द्वारा स्वैच्छिक रूप से एक करोड़ की राशि जमा की गई है। शेष राशि भी जल्दी जमा करवाई जाएगी।

बोगस फर्म, बोगस बिलिंग
मेसर्स भूमिजा इस्पात आयरन स्टील की रोलिंग मिल है, जिसमें सरिये का निर्माण किया जाता है। यह फैक्ट्री मनेरी औद्योगिक क्षेत्र जिला मंडला में स्थित है। मेसर्स खण्डेलवाल आयरन एण्ड स्टील, मेसर्स खण्डेलवाल स्टील, मेसर्स जबलपुर स्टील एवं श्री शाकम्बरी फेरस लिमिटेड जबलपुर में स्थित हैं।

-बालाजी उद्योग सागर, मेसर्स पीडी इंटरप्राइजेज एवं मेसर्स मंगल इंटरप्राइजेज ब्यावरा जिला राजगढ़ में स्थित है। इन व्यवसायियों द्वारा प्रमुख रूप से आयरन स्क्रेप एवं ट्रेडिंग का काम किया जाता है। छापे की कार्यवाही में कई प्रकार की अनियमितताएं सामने आई। इस बात के प्रमाण मिले हैं कि रोलिंग मिल द्वारा बिना बिल के आयरन स्क्रेप की खरीदी कर उसका सरिया बनाकर बिना बिल के ही बेचा जा रहा है। साथ ही माल के वास्तविक परिवहन के बिना ही मात्र बोगस बिलिंग करके इनपुट टैक्स क्रेडिट का ट्रांसफर का काम किया जा रहा है।

-इसी प्रकार जो व्यवसाई सिर्फ ट्रेडिंग का काम करते हैं उनके विरुद्ध इस बात के तथ्य सामने आए हैं कि वे माल के वास्तविक परिवहन के बिना ही बोगस बिलिंग कर इनपुट टैक्स का ट्रांसफर करते हैं। यह तथ्य भी सामने आया है कि इनके द्वारा माल के परिवहन के लिए जो ई-वे बिल डाउनलोड किए गए थे, उनमें से कई बिल दो पहिया वाहन के पंजीयन नम्बर के आधार पर जारी किये गये थे।

-मेसर्स बालाजी उद्योग सागर फर्म बोगस मिली है। व्यवसाय स्थल पर व्यवसाय करना नहीं पाया गया है। इनके द्वारा केवल बिलों का आदान-प्रदान किया जा रहा था। साथ ही मेसर्स खण्डेलवाल आयरन एंड स्टील कंपनी जबलपुर का छोटा बांगडरा इंदौर में अतिरिक्त व्यवसाय स्थल, मेसर्स खण्डेलवाल स्टील जबलपुर का नैनपुर निवाड़ी में अतिरिक्त व्यवसाय स्थल तथा शाकम्बरी फेरस प्राइवेट लिमिटेड जबलपुर का मनेरी – मंडला में अतिरिक्त व्यवसाय स्थल भी अस्तित्वहीन पाया गया है।

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