ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में कोर्ट कमिश्नर के सर्वे का वीडियो लीक होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। वादी पक्ष के पैरोकार और विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने नाराजगी जताते हुए मंगलवार को वीडियो लीक होने के मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयत्न
जितेंद्र सिंह बिसेन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, देश की शांति व्यवस्था को भंग करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। इसके पहले भी बिसेन सर्वे रिपोर्ट और वीडियो के लीक होने की आशंका जताते हुए जिलाधिकारी को पत्र लिख चुके हैं।
वादी पक्ष के एक अधिवक्ता शिवम गौड़ का कहना है कि मुकदमे की मुख्य वादी दिल्ली निवासी राखी सिंह को जिला न्यायालय से वीडियो प्राप्त नहीं हुई है। वायरल वीडियो का जिक्र कर कहा कि, इसे देखकर लग रहा है कि ये पहले से कट करके रखी गई थी। वे इस मामले में उच्च अधिकारियों से मिलेंगे। जो लोग ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान 16 तारीख को वहां थे।
मोबाइल कॉल डीटेल निकालें
सर्वेक्षण में सम्मिलित सभी लोगों के मोबाइल कॉल डीटेल निकालने की मांग भी वादी पक्ष कर रहा है। जिससे स्पष्ट हो सके कि वीडियो लीक मामले में किसका हाथ है। इस मामले में वादी पक्ष उच्चस्तरीय जांच की मांग या सीबीआई से प्रकरण की जांच की मांग की जाएगी। अधिवक्ता शिवम गौड़ और जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा कि वीडियो लीक होना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। ऐसे में माहौल खराब करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। कोर्ट से मिले साक्ष्य को आम लोगों के बीच लाना गलत है।
सोमवार को सौंपी थी रिपोर्ट
सोमवार की शाम जिला अदालत में शपथपत्र देने के साथ ही बंद लिफाफे में सर्वेक्षण की रिपोर्ट और वीडियो की सीडी पक्षकारों को सौंपी गई थी। इसके बाद ही सर्वे का वीडियो वायरल हुआ। पिछले दिनों जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में वादी पक्ष की ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया था कि उन्हें ज्ञानवापी परिसर के सर्वे से संबंधित फोटो और वीडियो की प्रतिलिपि दी जाए ताकि, मुकदमे का न्यायपूर्ण निस्तारण हो सके।