प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 मई को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत वित्तीय लाभ की 11वीं किस्त जारी की। इससे 10 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को 21,000 करोड़ रुपये की राशि अंतरित हुई।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेतृत्व वाली सरकार के आठ साल पूरे होने पर शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से केंद्र की 16 योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद किया।
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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेतृत्व वाली सरकार के आठ साल पूरे होने पर शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में आयोजित ‘गरीब कल्याण सम्मेलन’ को संबोधित कर अपनी बात रख रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा, “जब हमारी सरकार अपने आठ वर्ष पूरे कर रही है, तो मैं अपना संकल्प फिर दोहराऊंगा। हर भारतवासी के सम्मान के लिए, हर भारतवासी की सुरक्षा, हर भारतवासी की समृद्धि के लिए, सुख-शांति और कल्याण के लिए जितना काम कर सकूं, उसे करता रहूंगा।”
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को सिस्टम का जरूरी हिस्सा मान लिया था, तब की सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने की बजाय उसके आगे घुटने टेक चुकी थी। तब देश देख रहा था कि योजनाओं का पैसा जरूरतमंद तक पहुंचने के पहले ही लुट जाता है। लेकिन आज चर्चा जन-धन खातों से मिलने वाले फायदों की हो रही है, जनधन-आधार और मोबाइल से बनी त्रिशक्ति की हो रही है। पहले रसोई में धुआं सहने की मजबूरी थी, आज उज्ज्वला योजना से सिलेंडर पाने की सहूलियत है।
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