ऐसे छल रहे हैं साइबर क्रिमिनल्स!

विश्व में नशीले पदार्थों की तस्करी से बड़ा दायरा है साइबर क्राइम का हो गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार प्रति 39 सेकंड में एक साइबर अटैक होता है। जबकि भारत की बात करें तो लॉकडाउन के दौरान भारतीयों का पोर्नोग्राफी मैटेरियल की तरफ रुझान बढ़ गया था।

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साइबर क्राइम विश्व में तेजी से पैर पसार चुका है और डार्क नेट चौबीस घंटे काम करनेवाला अंडरवर्ल्ड है। इंटरनेट की दुनिया में लॉकडाउन कैसा रहा? इसको लेकर कई चौंकानेवाले तथ्य सामने आए हैं। जिसके अनुसार जब दुनिया घरों तक सीमित थी उस दौरान साइबर क्राइम जारी था। भारत में भी आर्थिक अपराध और पोर्नोग्राफी ने इस बीच नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं।

विश्व में नशीले पदार्थों की तस्करी से बड़ा दायरा साइबर क्राइम का हो गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार प्रति 39 सेकंड में एक साइबर अटैक होता है। जबकि भारत की बात करें तो लॉकडाउन के दौरान भारतीयों का पोर्नोग्राफी मैटेरियल की तरफ रुझान बढ़ गया है। जिसके कारण विश्व में पोर्नोग्राफी सामग्री के क्षेत्र में 12वें स्थान पर रहनेवाला देश अब 3रे स्थान पर है। कोरोना काल में साइबर क्राइम में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है। साइबर अपराध के मुख्य बिंदुओं पर नजर डालते हैं जो इस प्रकार हैं।

साइबर अपराध को हमने तीन प्रकार में विभक्त किया है…

क) संशयास्पद कंटेंट

  • इंटरनेट पर ईमेल, सोशल मीडिया की सहायता से अश्लील सामग्री प्रेषित करना
  • फेक अकाउंट से विद्वेष फैलानेवाले संदेश भेजना
  • जैसे ‘एंजल प्रिया’ के नाम से कई अकाउंट जो फर्जी हैं
  • कोरोना काल में 14 हजार पोस्ट विवादित थीं
  • 400 विवादित पोस्ट पर हुई कार्रवाई
  • 100 लोगों की हुई गिरफ्तारी

ख) ऑनलाइन फ्रॉड या फिशिंग अटैक

ई-मेल के जरिये फांसना – इसमें सेक्युरिटी अपडेट, नई स्कीम के नाम पर क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की जानकारी मांगी जाती है
बचाव – जिस वेबसाइट पर जा रहे हैं उसकी यूआरएल जरूर देखें

टेलीफोन या मोबाइल कॉल के जरिये – जामताड़ा स्कैम जिसमें बैंक के नाम पर कॉल करके पासवर्ड, सीवीवी मांगी जाती है
बचाव – स्पैम कॉल को पहचानें और मोबाइल सेटिंग में जाकर ब्लॉक करें

भुगतान ऐप के जरिये धोखाधड़ी – इसमें हू-बहू ऐप के जरिये भुगतान करनेवाले की जानकारी चुराई जाती है

बचाव – विश्वसनीय वेबसाइ़ट या ऐप के जरिये ही करें भुगतान

कार्ड स्वाइप के जरिये स्किमिंग अटैक – इसमें कार्ड से भुगतान के समय क्लोन किया जा सकता है। जिससे दूसरा कार्ड बनाकर, दी गई जानकारी से धन निकासी की जा सकती है।

बचाव – अपने सामने ही करें कार्ड स्वाइप

इस पर भी ध्यान रखें

  • विश्वसनीय ऐप स्टोर से ही डाउन लोड करें ऐप
  • ऐप परमीशन में फोटो, वीडियो, नंबर न दें

ग) ऑनलाइन छेड़खानी

इसमें फोन, सोशल मीडिया, ई मेल के जरिये किसी को परेशान करना शामिल है। जिसमें मौखिक, अश्लील या सोशल अब्यूज आता है। इसे तीन भागों में विभक्त किया गया है।

अ) साइबर बदनामी – किसी के बारे में इंटरनेट पर बदनामी करनेवाले संदेश भेजना, पोस्ट करना। इसमें अश्लील संदेश, फोटो और ग्राफिकल कंटेट शामिल है। इसकी अधिकतर शिकार महिलाएं होती हैं। इसमें फेक प्रोफाइल अकाउंट बनाकर या अकाउंट हैक करके इस कार्य को अंजाम दिया जाता है।

आ) साइबर स्टॉकिंग – सोशिल मीडिया, ऑनलाइन फोरम, ब्लॉग और ईमेल की मदद से छेड़खानी करना। यह अपराध करनेवाले द्वारा योजनाबद्ध तरीके से किया जाता है। इसमें अवांछित, कष्टप्रद, भयावह, नकारात्मक टिप्पणियां शामिल हैं। जिससे लक्ष्यित किये गए शख्स की आर्थिक, बदनामी की जा सके।

इ) साइबर एक्सटॉर्शन – इसमें अपराधी धमकी देकर पैसे, यौनाचार, कोई संस्थागत जानकारी की मांग करते हैं। न देने पर बदनामी, शारीरिक हानि पहुंचाने की धमकी दी जाती है।

कहां करें शिकायत

cybercrime.gov.in
[email protected]
https://mumbaipolice.gov.in/CCC
www.cybercelldelhi.in

देश में साइबर क्राइम को शिकायतकर्ता अपने नजदीकी पुलिस थाने में पंजीकृत करा सकता है। इसे सेक्शन 154 और आईपीसी के अंतर्गत पंजीकृत किया जाता है। जहां से इसे पुलिस के साइबर क्राइम विभाग को भेज दिया जाता है।

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