दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2 जून को एक वर्चुअल प्रेस वार्ता के जरिए आशंका जाहिर की है कि सत्येंद्र जैन के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी जेल भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिन सूत्रों ने उन्हें पहले बताया था कि सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी होगी, उन्होंने ही अब बताया कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ भी फर्जी केस दर्ज किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “आम आदमी पार्टी के सभी मंत्रियों को जेल में डाल दो। मनीष सिसोदिया आजाद भारत के अब तक के सबसे अच्छे शिक्षा मंत्री हैं। उन्होंने दिल्ली में शिक्षा क्रांति लाने का काम किया है। वे दिल्ली के 18 लाख सरकारी स्कूलों के बच्चों एवं अभिभावक से पूछना चाहते हैं कि क्या आपके शिक्षा मंत्री भ्रष्ट हैं। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आप लोग कितनी भी रेड डाल लो, हम काम करते रहेंगे।”
यह है मामला
दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लांड्रिंग प्रकरण में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन को 9 जून तक ईडी हिरासत में भेज दिया गया है। स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने ये आदेश दिया। उन्हें 30 मई को गिरफ्तार किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सत्येन्द्र जैन को 31 मई दोपहर विशेष न्यायालय में प्रस्ततु किया था। ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सत्येन्द्र जैन की 14 दिनों की हिरासत की मांग की।
जैन के वकील ने न्यायालय में रखा उनका पक्ष
एन. हरिहरन (सत्येन्द्र जैन के वकील) – सत्येन्द्र जैन जांच में लगातार सहयोग कर रहे हैं। ईडी जो दलीलें दे रही है, वो 2017 में दाखिल चार्जशीट का दोहराव मात्र है। उस केस में एक इंच आगे नहीं बढ़ा गया है। पांच-छह बार सत्येन्द्र जैन को बुलाया गया और वे जांच में शामिल हुए। हरिहरन ने कहा कि सह-आरोपित कुछ भी कर सकता है, उसके लिए आरोपित जिम्मेदार नहीं है। सीबीआई जांच में भी आय के स्रोत का पता नहीं लगाया गया। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरोपित का पैसा हवाला के जरिये गया। सत्येन्द्र जैन के घर पर दो बार छापा डाला गया। उनका बैंक खाता सीज किया गया। हरिहरन ने कहा कि सत्येन्द्र जैन ने मंत्री बनने के बाद सभी कंपनियों से इस्तीफा दे दिया था। ईडी के पास जांच करने के लिए सब कुछ है। उसके बावजूद वे 14 दिन की हिरासत क्यों मांग रहे हैं। ईडी का कहना है कि सत्येन्द्र जैन जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं लेकिन वे केवल गुनाह जबरन कबूल करवाना चाहते हैं।