नारी शक्ति को लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कही ये बात!

शक्ति स्वयं नारी का प्रतीक है और नारी शक्ति के बिना विकास संभव नहीं है। नारी को अबला हमनें बनाया है।

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केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने 4 जून को कहा कि विद्या का नेतृत्व मां सरस्वती के हाथों में है। शक्ति स्वयं नारी का प्रतीक है और नारी शक्ति के बिना विकास संभव नहीं है। नारी को अबला हमने बनाया है। नारी के समान शक्तिशाली इस दुनिया में कोई नहीं है। हमें नारी नेतृत्व को स्वीकार्य करना ही होगा। राज्यपाल सिगरा स्थित अंतरराष्ट्रीय सहयोग रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित पाणिनि कन्या महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती दीक्षा समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह में 50 छात्राओं को उपाधि प्रदान कर स्वर्ण जयन्ती स्मारिका का विमोचन कर छात्राओं की जमकर तारीफ की।

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शिक्षा का अर्थ सिर्फ डिग्री हासिल करना नहीं
केरल के राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का अर्थ सिर्फ डिग्री हासिल करना नहीं है, शिक्षा का अर्थ ज्ञान प्राप्त करना है। डॉ राधा कृष्णन ने कहा था कि सत्य को आचरण में उतारना ही ज्ञान है। पाणिनि कन्या महाविद्यालय के संस्कार की सराहना कर राज्यपाल ने कहा कि भारत ज्ञान का केंद्र रहा है। श्रीमद्भागवत के एक श्लोक का उल्लेखकर कहा कि हमारा पतन उस दिन से शुरू हुआ, जब हमने ज्ञान को अपने अंदर कैद करना शुरू कर दिया। जो ज्ञान को दूसरों के साथ नहीं बांटता वो सरस्वती का उपासक नहीं है। हमारी संस्कृति अपनी रक्षा के लिए शस्त्र उठाने के लिए प्रेरित करता है। यह बड़े गर्व की बात है कि इस गुरुकुल में छात्राओं को शस्त्र के साथ शास्त्र में भी पारंगत हो रही है।

इन्होंने भी व्यक्त किए विचार
समारोह में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय (हरिद्वार) के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री, स्वामी संपूर्णानंद, भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा ने भी विचार रखा। प्राचार्य आचार्या नन्दिता ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन आचार्य वाचोनिधि व धन्यवाद ज्ञापन उपाचार्या डॉ प्रीति विमर्शिनी ने किया।

न्यायालय पर भरोसा रखना चाहिए
दीक्षा समारोह में भाग लेने के बाद केरल के राज्यपाल ने पत्रकारों से भी बातचीत की। ज्ञानवापी से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि न्यायालय पर भरोसा रखना चाहिए।

बनारस में पहले हुआ था विरोध
दीक्षा समारोह में केरल के राज्यपाल ने कहा कि बनारस में मेरा विरोध भी हो चुका है। तब पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर बहुत नाराज हुए थे। विरोध और मुझ पर हमला करने वाले उनकी पार्टी के कार्यकर्ता थे। छात्राओं के भव्य स्वागत से गदगद राज्यपाल ने कहा कि दिव्यता के साथ जो मेरा स्वागत हुआ है, वो पहली बार हुआ है। आज का जो अनुभव है, बहुत अद्भुत है, जिसका मैं कृतज्ञ रहूंगा।

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