सेना से गठजोड़, कांग्रेस को दिया तोड़, जानिए दादा का नया मंत्र

महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस का साथ आना महज एक संयोग माना जा रहा था कि लेकिन यह प्रयोग अब इन तीनों पार्टियों को अब भाने लगा है। बीच-बीच में इसके सबूत इन पार्टियों के नेताओं के बयानों से मिलते रहते हैं। खास बात यह है कि 40 सीटों के साथ महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस को कोई भाव न देते हुए शिवसेना और एनसीपी कुछ ज्यादा ही करीब आती जा रही हैं।

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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने अपने कार्यकर्ताओं को शिवसेना के साथ मिलकर काम करने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र में होनेवाले ग्राम पंचायतों और महानगरपालिका के चुनावों के मद्देनजर उनका यह आदेश अहम माना जा रहा है। उनका यह आदेश भविष्य में दोनों पार्टियों की दोस्ती और मजबूत होने के संकेत माना जा रहा है। गौर करनेवाली बात यह है कि महाविकास आघाड़ी में शामिल कांग्रेस पार्टी को इनकी आगे की रणनीति में कोई जगह नहीं दी जा रही है। उल्टा अपने कार्यकर्ताओं को आदेश देने से कुछ घंटे पहले ही दादा की उपस्थिति में भिवंडी महानगरपालिका के उपमहपौर समेत 18 कांग्रेस नगरसेवकों एनसीपी में शामिल हो चुके थे।

शिवसेना से करीबी, कांग्रेस से दूरी
महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस का साथ आना महज एक संयोग माना जा रहा था कि लेकिन यह प्रयोग अब इन तीनों पार्टियों को अब भाने लगा है। बीच-बीच में इसके सबूत इन पार्टियों के नेताओं के बयानों से मिलते रहते हैं। खास बात यह है कि 40 सीटों के साथ महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस को कोई भाव न देते हुए शिवसेना और एनसीपी कुछ ज्यादा ही करीब आती जा रही हैं।

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दादा का नया मंत्र
मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सेंटर में एनसीपी की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। अजित पवार ने इस बैठक में अपने कार्यकर्ताओं को शिवसैनिकों के साथ मिलकर काम करने का आदेश दिया। उनके इस आदेश से महाराष्ट्र के राजनैतिक भविष्य को समझा जा सकता है। इससे पहले भी भविष्य में शिवसेना- एनसीपी की दोस्ती और मजबूत होने के कई संकेत मिलते रहे हैं। इसका मतलब यह भी है कि भविष्य में आनेवाले ग्राम पंचायत चुनावों के साथ ही महानगरपालिका और अन्य चुनावों में ये एक साथ उतर सकती हैं। इस हालत में जहां कांग्रेस हाशिये पर चली जाएगी, वहीं भारतीय जनता पार्टी की वापसी भी मुश्किल हो जाएगी।

हारे हुए पार्टी उम्मीदवारों के साथ की बैठक
अजित पवार ने इस बैठक में 2019 में हुए लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा के चुनावों में हारे हुए पार्टी के उम्मीदवारों के साथ चर्चा की। बैठक में पार्टी को आगे बढ़ाने की रणनीति पर विशेष रुप से चर्चा की गई। पिछले चुनाव में उनकी हार क्यों हुई, इस बारे में मंथन किया गया। बताया जा रहा है कि एनसीपी को हारे हुए अपने नेताओं को बीजेपी में जाने का डर सता रहा है इसलिए वे उनके साथ बैठक कर उन्हें भरोसा दिलाना चाहते हैं। ताकि उन्हें ये न लगे कि पार्टी में उनकी उपेक्षा की जा रही है।

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