आसमान में चीन का विस्तारवाद, साथ दे रहा भारत का ये दोस्त!

रूस और चीन के बॉम्बर्स का एस साथ एशिया पैसिफिक रीजन में एयर पेट्रोल करना नए संकेतों की ओर इशारा है। ये भारत के लिए अधिक चौकन्ना रहने का विषय है क्योंकि रूस भारत का लंबे समय से सामरिक साझेदार रहा है तो चीन से भारत की तनातनी जगजाहिर है।

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रूस और चीन के बॉम्बर्स ने एशिया पैसिफिक का संयुक्त एयर पेट्रोल किया। इसकी घोषणा दोनों देशों की ओर से की गई है। इस बात की पुष्टि दक्षिण कोरिया की ओर से भी मिली है। उसने एक बयान जारी करके इसकी जानकारी दी है जिसमें उसने अपने हवाई क्षेत्र में रूस और चीन के बॉम्बर्स के प्रवेश की पुष्टि की है। रूस और चीन की करीबी महाशक्तियों के बीच वैश्विक स्तर पर नया क्रम रचने का प्रयत्न हो सकता है।

रूस और चीन के बॉम्बर्स का एस साथ एशिया पैसिफिक रीजन में एयर पेट्रोल करना नए संकेतों की ओर इशारा है। ये भारत के लिए अधिक चौकन्ना रहने का विषय है क्योंकि रूस भारत का लंबे समय से सामरिक साझेदार रहा है तो चीन से भारत की तनातनी जगजाहिर है।

रूस और चीन के संयुक्त एयर पेट्रोल में कुल 6 स्ट्रेटेजिक बॉम्बर्स ने हिस्सा लिया। इसमें रूस के दो टीयू-95 एमएस और चीन के चार होंग-6 के एयरक्राफ्ट ने उड़ान भरी। इन्होंने जापान और पूर्वी चीन के समुद्र के ऊपर पेट्रोल किया। एयरफोर्स टेक्नोलॉजी नामक वेबसाइट के अनुसार इस संबंध में डिपार्टमेंट ऑफ इन्फोर्मेशन एंड मास कम्यूनिकेशन ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ऑफ द रशियन फेडेरेशन ने एक स्टेटमेंट जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि, रशियन एयरोस्पेस फोर्स और चीन की पिपल्स लिबरेशन आर्मी की एयर फोर्स ने एशिया पैसिफिक रीजन में दूसरा जॉइंट एयर पेट्रोल किया। जिसमें लॉंग रेंज एयर क्राफ्ट शामिल थे।

इसमें दावा किया गया है कि ये ऑपरेशन अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए किया गया। इसे दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूती देने के लिए किया गया है।

दक्षिण कोरिया ने लगाया आरोप

रूस और चीन संयुक्त पेट्रोल के बारे में एक स्टेटमेंट जारी किया है। जिसमें उसने स्पष्ट किया कि, उसके डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में 20 रूसी और चीन के सैनिक एयरक्राफ्ट प्रवेश किये हैं। समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार दक्षिण कोरिया के जॉइट चीफ ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने कहा कि कोरिया एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में उसने चार चीनी युद्धक विमान और पंद्रह रूसी एयरक्राफ्ट के प्रवेश की पहचान की है। चीनी सेना की तरफ से दक्षिण कोरिया के बयानों पर सफाई दी गई है कि उसके विमान दैनिक ट्रेनिंग के लिए उड़ान भरे थे।

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