चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार ने नया दिशानिर्देश जारी किया है। जिसमें अब लेफ्टिनेन्ट जनरल या उसके समकक्ष के अधिकारियों को भी इस पद के लिए चयनित किया जा सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार ने एक दिशानिर्देश जारी किया है। जिसमें 62 वर्ष की आयु सीमा (कांटा) रखी गई है।
देश के पहले रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से ही यह पद रिक्त है। अब इस पद पर नियुक्ति के लिए रक्षा बलों के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। रक्षा मंत्रालय की ओर से इस सम्बन्ध में जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि 62 वर्ष से कम आयु का कोई भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद के लिए पात्र होंगे।
मेडिकल फिटनेस आवश्यक
अगले सीडीएस का चयन करने के लिए मेडिकल फिटनेस को महत्वपूर्ण मानदंड रखा गया है। इसलिए केंद्र सरकार अगले सीडीएस की नियुक्ति से पहले करीब 30 सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की जांच कर रहा है। सरकार जल्द से जल्द नए सीडीएस का चयन करना चाहती है ताकि सेनाओं के आधुनिकीकरण एवं थिएटर कमांड के गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।
सेना के नियमों में बदलाव
सरकार ने इस संबंध में वायु सेना अधिनियम, सेना अधिनियम और नौसेना अधिनियम के हिस्से के रूप में एक अलग अधिसूचना जारी की है ताकि किसी भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल या वाइस एडमिरल को सीडीएस के रूप में नियुक्त करने के लिए प्रावधान किया जा सके। अधिसूचना में कहा गया है कि 62 वर्ष से कम आयु का कोई भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के लिए पात्र होंगे।
रक्षा प्रमुख की आयु सीमा 65 वर्ष
संशोधित नियमों के अनुसार सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के सेवारत प्रमुखों के साथ शीर्ष पद के लिए अधिकारियों पर विचार किया जा सकता है। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि सरकार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की सेवा को आवश्यक समझने पर अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक के लिए बढ़ा सकती है। वास्तव में सेना, नौसेना और वायु सेना के सेवानिवृत्त प्रमुखों के सीडीएस के पद के लिए विचार किए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि इस पद के लिए पात्र बनने की आयु 62 वर्ष रखी गई है।