दिल्ली के साकेत न्यायालय ने कुतुब मीनार परिसर में पूजा की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका पर फैसला टाल दिया है। 9 जून याचिकाकर्ताओं की ओर से एक नई अर्जी दाखिल की गई, जिसके बाद एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज दिनेश कुमार ने फैसला टालने का आदेश दिया। कोर्ट ने पिछले 24 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद इस मामले की सुनवाई करने वाले एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज निखिल चोपड़ा का ट्रांसफर हो गया था।
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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से वकील हरिशंकर जैन ने कहा था कि पिछले आठ सौ वर्षों से इस परिसर का इस्तेमाल मुस्लिमों ने नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जब मस्जिद के काफी पहले यहां मंदिर था तो पूजा की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती है।
इस एक्ट का दिया हवाला
हरिशंकर जैन ने एंशियंट मॉनुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साईट्स एंड रिमेंस एक्ट की धारा 16 का हवाला दिया था, जिसमें पूजा स्थल की सुरक्षा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने अयोध्या मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र किया था, जिसमें कहा गया है कि देवता हमेशा देवता रहेंगे और ध्वस्तीकरण से उसका चरित्र या उसकी गरिमा नहीं खत्म हो जाएगी।