पाकिस्तान : ईशनिंदा मामले में ईसाई भाइयों को मौत की सजा बरकरार! जानें, क्या है मामला

2018 में एक सत्र अदालत ने मुहम्मद सईद की शिकायत पर दो ईसाई भाइयों को मौत की सजा सुनाई थी।

156

पाकिस्तान में ईशनिंदा मामले में दोषी दो ईसाई भाइयों की मौत की सजा को उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है। इन दोनों भाइयों पर वर्ष 2011 में सोशल मीडिया पर ईशनिंदा की सामग्री अपलोड करने का आरोप है।

लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी पीठ के न्यायमूर्ति राजा शाहिद महमूद अब्बासी और न्यायमूर्ति चौधरी अब्दुल अजीज ने 8 जून को दोषियों कैसर अयूब और अमून अयूब की सजा के खिलाफ अपील खारिज कर दी।

ये भी पढ़ें – दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस थाना खोलने की तैयारी, ये है उद्देश्य

यह है पूरा मामला
2018 में एक सत्र अदालत ने मुहम्मद सईद की शिकायत पर दोनों ईसाई भाइयों को मौत की सजा सुनाई थी। इन पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने का आरोप लगाया गया था। इन्होंने एक वेबसाइट पर ईशनिंदा पोस्ट किया था। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लाहौर से करीब 300 किलोमीटर दूर तलगांग चकवाल जिले के रहने वाले दोनों भाइयों के खिलाफ 2011 में मामला दर्ज किया गया था।

पैगंबर का अपमान करने की सजा मौत
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून को पूर्व सैन्य शासक और राष्ट्रपति जियाउल हक ने 1980 के दशक में और अधिक कठोर बनाया था। पाकिस्तान में पैगंबर का अपमान करने के लिए अधिकतम सजा के रूप में मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.