महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को राज्यसभा चुनाव में बड़ा झटका लगा है। राकांपा के दोनों दागी नेताओं को मतदान करने का अधिकार देने से बॉम्बे उच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया है। कोर्ट ने राकांपा नेता और अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक के साथ ही पूर्व गृह मंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख को राहत देने से इनकार कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि ये दोनों विधायक 10 जून को राज्यसभा के लिए हो रहे मतदान में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
इससे पहले मुंबई की विशेष कोर्ट ने जेल में बंद पूर्व मंत्री अनिल देशमुख और मंत्री नवाब मलिक की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें दोनों नेताओं ने राज्यसभा चुनाव में मतदान करने की अनुमति मांगी थी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने विशेष कोर्ट के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी लेकिन यहां भी बात नहीं बनी और दोनों विधायकों को वोट देने की अनुमति नहीं मिली।
इस तरह चली सुनवाई
जेल में बंद पूर्व मंत्री अनिल देशमुख और मंत्री नवाब मलिक ने राज्यसभा चुनाव में मतदान करने की अनुमति देने के लिए विशेष कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर 8 जून को जज आरएन रोकड़े के समक्ष सुनवाई हुई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील अनिल सिंह ने इस याचिका का कड़ा विरोध किया था, जबकि आवेदकों के वकील अमित शाह ने अनिल देशमुख और नवाब मलिक को राज्यसभा चुनाव में मतदान की अनुमति दिए जाने की मांग की थी।
सुरक्षित रख लिया था फैसला
इसके बाद जज ने अपना निर्णय 9 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। 9 जून को जज आरएन रोकड़े ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि अनिल देशमुख और नवाब मलिक को राज्यसभा चुनाव में मतदान की अनुमति नहीं दी जा सकती है और उन्होंने याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर विशेष कोर्ट के फैसले को चुनौती दी।