शिवसेना विधायक सुहास कांदे ने 13 जून को भारत के चुनाव आयोग की ओर से 10 जून को हुए राज्यसभा चुनाव में उनका मतदान रद्द किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की है। उनकी याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सूचीबद्ध कर लिया है और सुनवाई के लिए 15 जून की तिथि तय की है।
सुहास कांदे ने 13 जून को पत्रकारों को बताया कि महाविकास आघाड़ी सरकार के नेताओं ने चुनाव आयोग से राज्यसभा चुनाव में गलत मतदान को लेकर शिकायत की थी। इसी तरह भाजपा की ओर से राकांपा विधायक जीतेंद्र आव्हाड तथा कांग्रेस विधायक यशोमति ठाकुर तथा उनके मतदान को लेकर शिकायत की गई थी। चुनाव आयोग ने सिर्फ शिवसेना को नुकसान पहुंचाने के लिए भाजपा के इशारे पर सिर्फ उनका मतदान रद्द कर दिया था। इससे शिवसेना को चुनाव में नुकसान हुआ और इसका असर महाविकास आघाड़ी पर पड़ा।
इस तरह रहा परिणाम
राज्यसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी से तीन और भाजपा के तीन उम्मीदवार चुने गए। इनमें भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे, धनंजय महाडीक, कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल, शिवसेना के संजय राऊत को विजयी घोषित किया गया है। शिवसेना उम्मीदवार संजय पवार चुनाव हार गए हैं। इसी वजह से शिवसेना विधायक सुहास कांदे ने चुनाव आयोग के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।