बाम्बे हाई कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के उनके आवास पर अवैध निर्माण को लेकर जिला प्रशासन के नोटिस को सही बताते हुए इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। हाई कोर्ट ने राणे को मुंबई स्थित अधीश बंगले में अवैध निर्माण को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय को चल रही सुनवाई में सहयोग करने के लिए कहा है।
यह भी पढे-नुपुर शर्मा के समर्थन में पाकिस्तान! मौलाना ने बताया कहां से रची गई अंतरराष्ट्रीय साजिश
गुरुवार को हाई कोर्ट ने कहा कि जिलाधिकारी कार्यालय की कार्रवाई की नोटिस सही है, इसलिए हाई कोर्ट इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। हाई कोर्ट ने नारायण राणे के अधीश बंगले पर 24 जून तक कठोर कार्रवाई न करने का भी आदेश जारी किया है।
जानकारी के अनुसार नारायण राणे के अधीश बंगले पर हुए अवैध निर्माण पर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी कार्यालय ने नोटिस जारी किया था। इसी नोटिस को नारायण राणे ने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी। इसी याचिका की सुनवाई गुरुवार को हाई कोर्ट में हुई।
राज्य सरकार के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने हाई कोर्ट को बताया कि आधीश बंगले में अवैध निर्माण के साथ ही सीआरजेड नियमों का भी उल्लंघन किया गया है। इसी वजह से जिलाधिकारी कार्यालय ने नारायण राणे को नोटिस जारी किया गया है। इस तरह की कार्रवाई करना जिलाधिकारी के अधिकार क्षेत्र में हैं। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि नारायण राणे को जिलाधिकारी की ओर से हो रही कार्रवाई में सहयोग करना चाहिए। हाई कोर्ट ने 24 जून तक नारायण राणे के अधीश बंगले पर कठोर कार्रवाई न करने का आदेश जारी किया और नारायण राणे की याचिका खारिज कर दिया।जानकारी के अनुसार जुहू में स्थित नारायण राणे के अधीश बंगले में दी गई 2810 वर्ग मीटर निर्माण की अनुमति के बजाय 4272 वर्ग मीटर निर्माण कार्य किया गया है। इस तरह बंगले में किए गए 1461 वर्ग फुट के अतिरिक्त निर्माण कार्य को खुद हटाने का आदेश मुंबई नगर निगम ने नारायण राणे को दिया था। इसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय ने भी नारायण राणे को यह अवैध निर्माण हटाने के लिए नोटिस जारी किया था।
Join Our WhatsApp Community