वानखेड़े के जाति प्रमाणपत्र मामले में दो सप्ताह में अपना पक्ष रखने का आदेश राज्य सरकार और मुंबई जिला जाति सत्यापन समिति को दिया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता व मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के जाति प्रमाणपत्र पर सवाल खड़ा किया था। इसके बाद इस मामले की शिकायत मुंबई जिला जाति सत्यापन समिति के समक्ष की गई थी। इसी शिकायत की जांच करने के बाद समिति ने समीर वानखेड़े को नोटिस जारी कर पूछा था कि उनका जाति प्रमाणपत्र रद्द क्यों न किया जाए।
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याचिका पर हुई सुनवाई
इसके बाद समीर वानखेड़े ने मुंबई जिला जाति सत्यापन समिति के नोटिस के विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका की सुनवाई 16 जून को जज रमेश धानुका और जज माधव जामदार की खंडपीठ के समक्ष हुई। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार तथा मुंबई जिला जाति सत्यापन समिति को दो सप्ताह में अपना पक्ष रखने का आदेश जारी किया है। इसके बाद मामले की सुनवाई चार जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई है।