झारखंड की राजधानी रांची में 17 जून, शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है। इसे लेकर रांची में सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी और रैफ के पांच हजार जवानों को तैनात किया गया है। इससे पूर्व पुलिस लाइन में डीआईजी और एसएसपी ने जवानों की ब्रीफिंग की। उन्हें बताया कि नमाज के वक्त उन्हें कैसे ड्यूटी करनी है। किसी प्रकार की सूचना मिलने पर पहले कंट्रोल रूम को सूचना देनी है।
डीआईजी अनीश गुप्ता ने बताया कि जुमे की नमाज को लेकर राजधानी में पांच हजार जवानों की तैनाती की गई है। पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। साथ ही निगरानी के लिए बड़ी संख्या में ड्रोन कैमरे भी लगाये जा रहे हैं।
इस स्थिति में लाठीचार्ज का आदेश
उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों को यह बताया गया कि किसी भी कीमत पर उपद्रवियों को उपद्रव करने का मौका नहीं देना है। पुलिस के मना करने के बावजूद अगर कोई उपद्रव करता है तो सबसे पहले उन पर आंसू गैस के गोले दागना है और फिर उससे भी अगर वह नहीं माने तब लाठीचार्ज करना है।
पूरे रांची में सुरक्षाबल तैनात
डीआईजी ने बताया कि एहतियातन शुक्रवार को देखते हुए पूरे रांची में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है, जहां-जहां जरूरत है वहां इलाके की घेराबंदी भी की गई है। इसके अलावा राजधानी रांची में तनाव को देखते हुए सभी संवेदनशील थानों में अतिरिक्त पुलिस बल के अलावा एक-एक व्रज वाहन और वाटर कैनन उपलब्ध करवा दिया गया है। ताकि थाना स्तर से ही किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।
रैफ ने किया शक्ति प्रदर्शन
सूत्रों के अनुसार खुफिया विभाग ने रांची पुलिस को अलर्ट किया है। बताया गया है कि रांची में शुक्रवार, 17 जून को एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन किया जा सकता है। नमाज के बाद हंगामे की आशंका को देखते हुए सभी संवेदनशील जगहों पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। उपद्रवियों के मन में दहशत पैदा करने के लिए रांची पुलिस के साथ-साथ रैफ की बटालियन ने राजधानी के वैसे इलाके जहां उपद्रव की आशंका बनी हुई है, वहां अपना शक्ति का प्रदर्शन किया।
संवेदनशील स्थानों पर विशेष ध्यान
संवेदनशील हिंदपीढ़ी के सभी इंट्री प्वाइंट पर बैरिकेडिंग कर दी गयी है। मेन रोड से सटे इलाके में भी बैरिकेडिंग की गयी है। कई जगह अस्थायी पुलिस पिकेट बनाया गया है। डोरंडा के झंडा चौक को सील कर दिया गया है। इस बार पुलिस की टीम पूरी तरह से अलर्ट मूड में है। वैसे सभी संसाधन जो उपद्रव से निपटने में सहायक होते हैं, सभी कुछ पुलिस को उपलब्ध करवाया गया है। आशंका जताई जा रही है कि इस बार महिलाओं को आगे कर विरोध प्रदर्शन किया जा सकता है। इसे देखते हुए बड़ी संख्या में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती भी राजधानी के संवेदनशील इलाकों में की गई है।