‘आप’ के ‘सत्येंद्र’ का ठिकाना अभी जेल ही रहेगा

255

आम आदमी पार्टी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को अभी जेल में ही रहना होगा। जैन की जमानत याचिका को न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया है। जिसके बाद दिल्ली के मंत्री को न्यायिक हिरासत में रहना होगा।

न्यायालयीन सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की ओर से वकील एन. हरिहरन ने कहा कि, सत्येंद्र जैन के खिलाफ जो भी साक्ष्य हैं वे दस्तावेजी हैं और उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है। जैन दिल्ली सरकार के मंत्री हैं और उनके भागने की कोई संभावना नहीं है। किसी भी गवाह ने कभी भी सत्येंद्र जैन से अपने पर खतरे की आशंका नहीं जताई है। सत्येंद्र जैन जांच में सहयोग कर रहे हैं और प्रवर्तन निदेशालय के बुलावे पर सात बार पेश हो चुके हैं इसलिए उन्हें जमानत दी जाए।

ये भी पढ़ें – आतंकी नजर कैसे न लगे? प्रशासन चुप, झोपड़ पट्टी दादा ने गुपचुप इस समुद्र में बना दी झोपड़पट्टी

ईडी की ओर से पेश एएसजी एस.वी राजू ने कहा कि ईडी लाला शेर सिंह ट्रस्ट से पैसों के लेनदेन की जांच कर रही है। दो या तीन लोगों ने कोलकाता में तीन-चार एकामोडेशन एंट्री की है। उन्होंने अपने अकाउंटेंट जेपी मोहता के दफ्तर में बैठक कर कहा कि हवाला के जरिये रकम जाएगी। 17 करोड़ रुपये की एकामोडेशन एंट्री का पता चला है। अभी जांच में और पता चलेगा। कोई भी मुफ्त में एकामोडेशन एंट्री नहीं करता है। इसलिए यदि जमानत दी गई तो साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना है। जब ईडी सत्येन्द्र जैन से पूछताछ कर रही थी तो उन्होंने कहा था कि उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ था जिसकी वजह से उनकी स्मरण शक्ति चली गई है।

ऐसा है प्रकरण
13 जून को कोर्ट ने सत्येन्द्र जैन को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। सत्येन्द्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था। जैन की पेशी के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि नकदी दिल्ली में दी गई थी। जो कोलकाता से हवाला के जरिये एंट्री ऑपरेटर्स तक पहुंची। ये एंट्री ऑपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीदकर निवेश करते थे। ये फर्जी कंपनियां थीं। इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था। पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया। प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.