अफगानिस्तान में सिखों का संहार, पाकिस्तान द्वारा पाले गए खालिस्तानियों की चुप्पी पर सोशल मीडिया में अटैक

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अफगानिस्तान के काबुल में गुरुद्वारा कार्ते परवान पर आतंकियों ने हमला कर दिया। जिसके कारण गुरुद्वारा में कई धमाके हुए। इस पर पाकिस्तानी प्यादे गुरपतवत सिंह पन्नू और एम धालीवाल जैसों की बोलती बंद है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर विरोध की टिप्पणियां सामने आ रही हैं।

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का एक रूप खालिस्तानी आतंक रहा है। यह भारतीय सिखों को भड़काने का कार्य करता है, जिसके आका हैं अमेरिका में बैठे गुरपतवंत सिंह पन्नू, कनाडा में बैठा मनममंदिर धालीवाल, अनिता लाल, जगमीत सिंह आदि। अफगानिस्तान के इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के आतंकी धड़े आईएसकेपी ने शनिवार सुबह गुरुद्वारे पर हमला किया। जिस पर खालिस्तान के नाम पर भारत के विरुद्ध जहर उगलनेवाले पाकिस्तान, अमेरिका, कनाडा आदि में बैठे खालिस्तानी मोहरे चुप हैं।

अफगानिस्तान में बचे इतने ही सिख
काबुल में गुरुद्वारे पर हुए हमले में कई लोगो के मारे जानी की आशंका है। हालांकि, सिखों के अनुसार अफगानिस्तान में मात्र 140 की संख्या में सिख बचे है। जो पूर्व जलालाबाद और काबुल में रहते हैं।

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तालिबान शासन के साथ सिखों को दी चेतावनी
तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर अपने कब्जे के साथ वहां रहनेवाले सिखों को चेतावनी दी थी। सुन्नी इस्लाम स्वीकार करो या देश छोड़ो। इस धमकी साथ ही कई गुरुद्वारों पर इस्लामी आतंकियों ने हमले भी किये थे। जिसके बाद बड़ी संख्या में सिखों ने भारत की शरणागति स्वीकार कर ली। इन लोगों को अफगानिस्तान से वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने विशेष विमान भेजे और तत्कालीन केंद्रीय नागरी विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सिखों का स्वागत किया था।

https://twitter.com/SukhatmeMadan/status/1538075415667146752

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