महाराष्ट्र विधान परिषद परिणाम: भाजपा के पांचों उम्मीदवारों की जीत, कांग्रेस के हंडोरे हारे

महाराष्ट्र विधान परिषद के मतदान के परिणाम घोषित हो गए।

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भारतीय जनता पार्टी के पांचवे उम्मीदवार प्रसाद लाड की जीत हो गई है, जबकि कांग्रेस के चंद्रकांत हंडोरे को हार का मुंह देखना पड़ा है। इसी के साथ महाविकास आघाड़ी को पिछले दस दिनों में दूसरा बड़ा झटका भारतीय जनता पार्टी ने दिया है। भाजप नेता अतुल भातखलकर का दावा है कि, कुल 183 मतों में से भाजपा के पक्ष में 133 मत पड़े हैं।

जीतनेवाले उम्मीदवार

भाजपा के राम शिंदे, श्रीकांत भारतीय, प्रवीण दरेकर, उमा खापरे, प्रसाद लाड

एनसीपी के एकनाथ खडसे, रामराजे निंबालकर

शिवसेना के सचिन अहीर, आमशा पाडवी

कांग्रेस के भाई जगताप

राज्य की 10 विधान परिषद सीटों के लिए निर्वाचन हुआ था। जिसमें कुल 285 विधायकों ने मत प्रयोग किये थे। इनमें से 283 मतों को वैध पाया गया था। परंतु, कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप के मतदान पर आक्षेप लिया था। जिसपर केंद्रीय चुनाव आयोग ने निर्णय देते हुए कांग्रेस के आक्षेप को ठुकरा दिया। इसके कारण मतगणना लगभग दो घंटे देर से शुरू हुई।

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विधान सभा संख्याबल
विधान सभा में कुल विधायकों की संख्या 288 है। लेकिन शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के साथ यह संख्या 287 हो गई है। इनमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नवाब मलिक और अनिल देशमुख को मतदान के लिए कारागृह से कुछ समय के लिए छोड़ने की अनुमति नहीं मिल पाई। जिसके कारण महाविकास आघाड़ी के कुल तीन मत कम हो गए। महाविकास आघाड़ी में तीनों दलों के कुल 6 उम्मीदवार और भाजपा के 5 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसलिए, 285 विधायकों को 11 उम्मीदवारों में बांटा गया। इस गणना के अनुसार, प्रत्येक उम्मीदवार के निर्वाचित होने के लिए 26 मतों की आवश्यकता थी।

शिवसेना
शिवसेना के पास कुल 55 विधायक हैं और उसके दो उम्मीदवार थे, सचिन अहीर और अमशा पड़वी। शिवसेना के पास कुल 8 निर्दलीय और छोटी पार्टियों का समर्थन था, इसलिए शिवसेना के वोटों की संख्या 63 थी। शिवसेना ने कोई जोखिम न लेने के लिए अपने वोटों का कोटा 26 से बढ़ाकर 30 कर दिया है। दो उम्मीदवारों को चुनने के बाद उसके पास 3 वोट बचे थे।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
मलिक और देशमुख को छोड़कर राकांपा के पास 52 विधायकों का समर्थन था। इसलिए 26 मतों के नियम के अंतर्गत रामराजे निंबालकर और राकांपा के एकनाथ खडसे दोनों ही जीत जाएंगे। इसके लिए राकांपा ने पूरी तैयारी की थी। एनसीपी के सभी विधायकों को भी चुनाव में सही तरीके से वोट डालने की चेतावनी दी गई थी। रामराजे निंबालकर और एकनाथ खडसे ने राज्यसभा चुनाव में गेम चेंजर बहुजन विकास आघाड़ी के हितेंद्र ठाकुर से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की थी।

कांग्रेस
विधानसभा में कांग्रेस के कुल 44 विधायक हैं। इसलिए कांग्रेस के पहले उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे इस चुनाव में आसानी से चुने जाएंगे। लेकिन कांग्रेस के एक अन्य उम्मीदवार भाई जगताप को आठ मतों की आवश्यकता थी। ऐसे में कांग्रेस के लिए दूसरा उम्मीदवार चुनना चुनौती थी। इसलिए कांग्रेस के भाई जगताप की नैय्या शिवसेना और अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों के अतिरिक्त मतों के हाथ टिकी थी।

भाजपा की स्थिति
106+6 निर्दलीय विधायक यानी कुल 112 विधायकों के साथ बीजेपी के कुल 5 उम्मीदवार मैदान में थे। इसलिए 26 वोटों के कोटे के हिसाब से बीजेपी के चार विधायक प्रवीण दारेकर, उमा खापरे, राम शिंदे और श्रीकांत भारतीय आसानी से निर्वाचित हो गए। उसके बाद बीजेपी के पास कुल 8 वोट बचे थे। बीजेपी के पांचवें उम्मीदवार को जीत के लिए 18 वोटों की जरूरत थी।

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