श्रावण मास की शिवरात्रि पर होने वाली कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई है। पश्चिमी उप्र के ऐतिहासिक शिवालयों में लाखों कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लाकर चढ़ाते हैं। इसके साथ ही दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश के लाखों कांवड़िये भी मेरठ से होकर गुजरते हैं।
श्रावण मास की शिवरात्रि पर भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने के लिए लाखों कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लेकर आते हैं। मेरठ के प्राचीन औघड़नाथ मंदिर, बागपत के ऐतिहासिक परशुरामेश्वर पुरा महादेव मंदिर पर पश्चिम उप्र के लाखों कांवड़िये शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं। उस दौरान एक सप्ताह के लिए महत्वपूर्ण नेशनल हाईवे-58 पर भारी और छोटे वाहनों का आवागमन बंद कर दिया जाता है।
इन राज्यों के श्रद्धालु होते हैं शामिल
हरिद्वार से गंगाजल लेकर आने वाले हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि राज्यों के लाखों कांवड़िये गुजरते हैं। इस दौरान छोटी, बड़ी रंग-बिरंगी कांवड़ लेकर गुजरने वाले शिवभक्तों को देखने के लिए लोग उमड़ पड़ते हैं। हरिद्वार से आने वाली डाक कांवड़ भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बन जाती है। जिला प्रशासन ने कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी है।
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जिलाधिकारी ने लिया जायजा
जिलाधिकारी दीपक मीणा और एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने गंग नहर किनारे कांवड़ मार्ग का निरीक्षण करके व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान जिलाधिकारी ने कांवड़ मार्ग पर सड़क की स्थिति, यातायात व्यवस्था, नहर पटरी की रेलिंग आदि का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले इन व्यवस्था को दुरुस्त करने की बात कही। इसके लिए संबंधित विभागों को व्यवस्था ठीक करने के निर्देश दिए गए। एसएसपी ने कांवड़ मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं।
दो साल बाद श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना
कोरोना के कारण दो साल से कांवड़ यात्रा का आयोजन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में इस बार की कांवड़ यात्रा में कांवड़ियों की संख्या बढ़ने की पूरी संभावना है। कांवड़ियों की संख्या बढ़ने की संभावना को देखते हुए ही जिला प्रशासन तैयारी को समय से पहले ही दुरुस्त करने में जुटा है। एडीजी मेरठ जोन राजीव सब्बरवाल और मेरठ मंडल के आयुक्त सुरेंद्र सिंह भी जल्दी ही उत्तराखंड के हरिद्वार के अधिकारियों के साथ मिलकर व्यवस्था बनाएंगे।