भारतीय मिसाइल कार्यक्रम की अहम जानकारी पाकिस्तान के आईएसआई एजेंट के साथ लीक करने वाले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के लैब इंजीनियर को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने सतह से सतह पर मार करने वाली अग्नि मिसाइलों की तकनीक और के-सीरीज की मिसाइलों के बारे में डेटा पाकिस्तान के एजेंट के साथ साझा किया। गिरफ्तार किया गया इंजीनियर हैदराबाद स्थित डीआरडीएल के अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) परिसर में उन्नत नौसेना प्रणाली कार्यक्रम में शामिल था।
इंजीनियर हो गया द्रोही
विशाखापत्तनम के मूल निवासी मल्लिकार्जुन रेड्डी ने डीआरडीएल परियोजना पर दो साल तक एक निजी कंपनी के साथ काम किया था। इसके बाद उसे 2020 में एएनएसपी परियोजना में संविदा कर्मचारी के रूप में शामिल किया गया। वह इस समय बालापुर में अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) में डीआरडीएल के एडवांस नेवल सिस्टम प्रोग्राम के संविदा गुणवत्ता आश्वासन अभियंता के रूप में कार्यरत था। डीआरडीओ की हैदराबाद स्थित लैब रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला के अनुसंधान केंद्र (डीआरडीएल) में मिसाइलों के बारे में अनुसंधान किया जाता है। इस लैब इंजीनियर ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर डीआरडीएल के लिए काम करने का उल्लेख कर रखा था।
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नताशा ने कर दी बुद्धि नाश
इंजीनियर मल्लिकार्जुन रेड्डी को मार्च, 2020 में फेसबुक पर नताशा राव उर्फ सिमरन चोपड़ा उर्फ ओमिशा अदी के नाम की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली, जिसे इंजीनियर ने स्वीकार कर लिया। आईएसआई एजेंट के रूप में काम करनेवाली इस महिला ने खुद को यूके डिफेंस जर्नल के एक कर्मचारी के रूप में पेश किया। उसने खुलासा किया कि पहले वह भारत के बेंगलुरु में रहती थी। उनके पिता भारतीय वायु सेना में काम करते थे और बाद में यूके चले गए। नताशा राव से बातचीत के दौरान इंजीनियर ने अपना बैंक खाता नंबर भी साझा किया और वह दिसंबर, 2021 तक उसके संपर्क में रहा।
आईएसआई को देता रहा मिसाइल कार्यक्रम
पुलिस के मुताबिक हनी ट्रैप में फंसने के बाद इंजीनियर रेड्डी ने करीब दो साल के दौरान आईएसआई हैंडलर के साथ फेसबुक के जरिये आरसीआई में मिसाइल विकास कार्यक्रमों के बारे में तस्वीरें और दस्तावेज साझा किए थे। आईएसआई एजेंट के साथ गोपनीय सूचनाएं साझा करने के आरोप में इस लैब इंजीनियर को राचाकोंडा पुलिस और बालापुर पुलिस के विशेष अभियान दल (एलबी नगर जोन) के संयुक्त अभियान के दौरान मीरपेट में उसके घर से गिरफ्तार किया गया है।
अग्नि, के सिरीज की मिसाइल आईएसआई के हाथ
पुलिस ने उसके कब्जे से दो मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड और एक लैपटॉप जब्त किया है। इंजीनियर ने संदिग्ध पाकिस्तान के जासूस के साथ मिसाइल विकास कार्यक्रमों के संबंध में तस्वीरें और दस्तावेज साझा किए हैं। जांच में पता चला कि इंजीनियर ने सतह से सतह पर मार करने वाली अग्नि मिसाइलों की तकनीक और के-सीरीज की मिसाइलों का डेटा साझा किया। बैलिस्टिक मिसाइल के-5 के बारे में भी संदिग्ध आईएसआई एजेंट के साथ जानकारी साझा की गई है।