राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने सरकार की रक्षा क्षेत्र में नियुक्ति से जुड़ी अग्निपथ योजना का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि भारत के पास एक बड़ी युवा आबादी है। ऐसे में उसकी सेना की औसत आयु बड़ी नहीं होनी चाहिए। डोभाल ने एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में स्पष्ट कहा कि अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की सेना को आज तकनीक प्रयोगी युवा की जरूरत है।
योजना के विरूद्ध हो रहे हिंसक प्रदर्शनों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि सेना में जाने वाले आकांक्षी युवा उम्मीदवार अपने घर पर तैयारियां कर रहे हैं। हिंसक प्रदर्शन करने वाले असल में सेना में भर्ती के उम्मीदवार नहीं है। अग्निपथ योजना के करियर पक्ष पर उन्होंने कहा कि 25 से 26 वर्ष की आयु में अग्निवीरों पर कोई पारिवारिक दबाव नहीं होगा। उनके पास करियर के तौर पर अन्य विकल्प चुनने क्षमता और योग्यता दोनों होगी। साथ ही आने वाले समय देश की अर्थव्यवस्था भी 5 ट्रिलियन डॉलर की बन जाएगी और उद्योगों को ऐसे युवा लोगों की खास जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना को लाने से पूर्व सालों तक इस पर चर्चा और संवाद किया गया है। कई समितियों ने इसके पक्ष में अपनी राय दी है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रहित में किसी भी राजनीतिक कीमत चुकाने को तैयार रहने वाले नेता हैं। उन्हीं के नेतृत्व में इस तरह की योजना लाना संभव हुआ है। एनएसए ने कहा कि 2006 में कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार के दौरान रक्षा मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को इस योजना से जुड़ा एक प्रस्ताव भेजा था।
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