महाराष्ट्र में राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। भाजपा शासित असम की राजधानी गुवाहाटी स्थित रेडिसन ब्लू होटल में डेरा डाले बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे का समर्थन तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच शिंदे ने अपने साथ 48 विधायक होने का दावा किया है।
मिली जानकारी के अनुसार 22 जून की देर रात जहां चार और विधायकों का एकनाथ शिंदे को समर्थन मिला , वहीं 23 जून को तीन और विधायक गुवाहाटी के होटल में पहुंच गए। इनमें आशीष जायसवाल, दीपक केसरकर, सदा सरवणकर शामिल हैं।
शिंदे की बढ़ रही है शक्ति
एकनाथ शिंदे को मिल रहे शिवसेना विधायकों के समर्थन के कारण मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी के साथ ही पार्टी के भी हाथ से निकलने का खतरा पैदा हो गया है। इस आशंका को तब बल मिला, जब 22 जून को शिंदे ने शिवसेना के व्हिप पर सवाल उठाते हुए नया व्हिप जारी कर दिया। इतना ही नहीं, बागी विधायकों ने उन्हें शिवसेना के विधायक दल का नेता भी चुन लिया।
#WATCH | Assam: Shiv Sena leader Eknath Shinde along with other MLAs at Radisson Blu Hotel in Guwahati last night, after 4 more MLAs reached the hotel. pic.twitter.com/1uREiDXNr5
— ANI (@ANI) June 23, 2022
कई पदाधिकारी और सांसद भी संपर्क में
शिंदे की शक्ति जहां तेजी से बढ़ रही है और कई पार्टी विभाग प्रमुखों के साथ ही सांसदों के भी उनके संपर्क में होने की जानकारी मिल रही है, वहीं उद्धव ठाकरे की ताकत हर पल कम होती दिख रही है।
उद्धव ठाकरे की भावनात्कमक अपील
उद्धव ठाकरे ने अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की तरह शिवसैनिकों से भावनात्मक सहानुभूति प्राप्त करने की कोशिश की, लेकिन वह भी बेअसर साबित हो गया। उन्होंने जहां सरकारी आवास वर्षा को छोड़ दिया और अपने निजी आवास मातोश्री में आ गए, वहीं पार्टी के साथ ही मुख्यमंत्री की कुर्सी भी छोड़ने की इच्छा व्यक्त की।
बालासाहेब ने ऐसे बचाई थी पार्टी
बता दें कि 1992 में इसी तरह के संकट के समय बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना छोड़ने की बात कह कर पार्टी को बगावत से बचा लिया था। उस समय उनके साथी माधव देशपांडे ने पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।