अमित शाह ने बताया सहकारी बैंकों का महत्व, दिया ये आश्वासन

आरबीआई और सरकार का भरोसा जीतने के लिए इन बैंकों को हर तरह से खुद को सशक्त करना होगा।

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केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंक सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी विकास के मार्ग को प्रशस्त करेंगे। केन्द्र सरकार की मंशा है कि राष्ट्र के विकास और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अर्बन कोऑपरेटिव बैंक अहम भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि अब सहकारी बैंकों के साथ कोई सौतेला व्यवहार नहीं होगा। लेकिन जनता, आरबीआई और सरकार का भरोसा जीतने के लिए इन बैंकों को हर तरह से खुद को सशक्त करना होगा।

शाह ने 23 जून को यहां विज्ञान भवन में अनुसूचित और बहु – राज्यीय शहरी सहकारिता बैंकों तथा साख समितियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों को और अधिक सशक्त करने की जरूरत है। इसके लिए सरकार तो सहयोग करेगी ही बैंकों को भी बदलाव लाने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पेशेवर युवाओं को और अधिक मौका दिए जाने के साथ-साथ तकनीक को अपनाते हुए पूरे सिस्टम को पूर्णरूप से पारदर्शी बनाने की जरूरत है। जिससे जनता, आरबीआई और सरकार का भरोसा सहकारिता पर और मजबूत हो सके।

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नई तकनीक और पारदर्शी व्यवस्था
उन्होंने कहा कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों को समाज के उस वर्ग के विकास की जिम्मेदारी लेनी होगी जो आर्थिक रूप से सशक्त नहीं हैं। यह काम इन बैंकों को करके दिखाना है। उन्होंने कहा कि यह समय अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के चिंतन का है। इन बैंकों को अपने मजबूत भविष्य के लिए नई तकनीक और पारदर्शी व्यवस्था को अपनाना चाहिए। यही समय की मांग है।

शाह ने कहा कि देश में अर्बन कोआपरेटिव बैंक की 11,500 शाखाएं, पांच लाख करोड़ का डिपोजिट और तीन लाख करोड़ का एडवांस बड़ा लगता होगा लेकिन यह भी सोचने की जरूरत है कि डिपॉजिट के मामले में अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों की हिस्सेदारी क्या है? शाह ने कहा कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों की हिस्सेदारी सिर्फ 3.25 फीसदी है और एडवांस के मामले में 2.70 फीसदी है।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे सामने एक लक्ष्य रखा है। उनका कहना है कि देश की आजादी की जब शताब्दी मनाई जाएगी तब देश सभी क्षेत्रों में दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर हो। ऐसे भारत का निर्माण इन 25 सालों में करना है। उन्होंने कहा कि यह संभव है और होगा। इस संकल्प में सहकारिता की बड़ी भूमिका रहेगी। इस लिए हमें हर तरह से तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब सहकारी बैंकों के साथ कोई सौतेला व्यवहार नहीं होगा। लेकिन जनता, आरबीआई और सरकार का भरोसा जीतने के लिए इन बैंकों को हर तरह से खुद को सशक्त करना होगा।

उल्लेखनीय है कि सम्मेलन में केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा, सहकारिता मंत्रालय के सचिव ज्ञानेश कुमार (आईएएस), केंद्रीय रजिस्ट्रार, एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप भाई संघानी और अर्बन कोआपरेटिव बैंक के कई बड़े नेता शामिल रहे।

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