महाराष्ट्र के असंतुष्ट विधायकों द्वारा अपनी सुरक्षा को लेकर लिखे गए पत्र के बाद गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने स्पष्ट किया है कि, उनकी सुरक्षा नहीं हटाई गई है। परंतु, विधायकों के कार्यालय और घर पर हो रही तोड़फोड़ की घटना भी हो रही हैं।
गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के पत्र का उत्तर सीधे मीडिया पर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया है कि, शिवसेना के असंतुष्ट विधायकों को सुरक्षा दी जा रही है, और उनके परिवारजनों को भी सुरक्षा दी जाएगी। जब गृहमंत्री यह कह रहे थे, उससे कुछ घंटे पहले ही पुणे में शिवसेना विधायक तानाजी सावंत के कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ हो गई।
नेताओं के बयानों से भड़के लोग
शिवसेना में चल रहे अंतर्विरोध के बीच शिवसेना पक्षप्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कार्यकर्ताओं से फेसबुक लाइव के माध्यम से सीधे संवाद साध रहे हैं। इसमें उन्होंने शिवसैनिकों से जो आह्वान किया उसके बाद शिवसैनिक आक्रामक हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री के पहले संजय राऊत और एनसीपी नेता शरद पवार भी धमकी भरा बयान दे चुके हैं।
इससे शिवसेना के असंतुष्ट विधायकों के पोस्टर, बैनरों पर काला पोतने, फाड़ने की घटनाएं बढ़ी हैं। शुक्रवार को मुंबई के साकीनाका, नासिक, ठाणे समेत राज्य कि विभिन्न क्षेत्रों में शिवसैनिकों ने असंतुष्ट विधायकों के पोस्टर, बैनर फाड़ दिये और उन पर कालिख पोते। कुर्ला क्षेत्र में विधायक मंगेश कुडालकर के यहां तोड़फोड़ की गई है। जबकि शनिवार को पुणे में विधायक तानाजी सावंत के कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ सामने आई है।
बयान कर रहे बंटाधार?
- एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने 23 जून को कहा था कि, एकनाथ शिंदे के विद्रोह से महाविकास आघाड़ी की सरकार टिगेगी या नहीं, यह विधान सभा में बहुमत तय करेगा। परंतु, विद्रोही विधायकों को बहुमत परीक्षण के लिए मुंबई आना ही होगा, इन विधायकों को विद्रोह का परिणाम भुगतना पड़ेगा।
- शिवसेना नेता संजय राऊत ने 23 जून को कहा था कि, असंतुष्ट विधायकों का महाराष्ट्र में आना और घूमना कठिन हो जाएगा।