प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय (26-27 जून) जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी पहुंच गए। म्यूनिख में उनका बवेरियन बैंड ने जोरदार स्वागत किया। भारतीय समुदाय ने उनका मोदी-मोदी के नारे से गर्मजोशी से स्वागत किया।
वे अपनी जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा के दौरान 12 से अधिक विश्व नेताओं के साथ बैठक करेंगे। साथ ही 15 से अधिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी म्यूनिख में भारतीय समुदाय के एक बड़े कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री 28 जून को यूएई के पूर्व राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए खाड़ी देश भी जाएंगे।
जी 7 की बैठक में लेंगे हिस्सा
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात में लगभग 60 घंटे के प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री दुनिया के सात सबसे अमीर देशों के समूह जी 7 की बैठक में हिस्सा लेने के अलावा कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। इससे पहलो विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शुक्रवार को कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी शिखर सम्मेलन से इतर जी-7 और अतिथि देशों के नेताओं साथ द्विपक्षीय मुलाकात और चर्चा करेंगे। जर्मनी ने भारत के अलावा अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका को भी अतिथि के रूप में सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है।
इन मुद्दों पर करेंगे चर्चा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जर्मनी रवाना होने से पूर्व नई दिल्ली में अपने वक्तव्य में कहा कि वह वहां विभिन्न नेताओं से विश्व मामलों पर विचार-विमर्श करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि वह पर्यावरण, ऊर्जा, जलवायु, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, आतंकवाद विरोधी उपायों, स्त्री-पुरुष समानता और लोकतंत्र आदि मुद्दों पर सहयोगी देशों के नेताओं से विचार-विमर्श करेंगे।
इसलिए अहम है बैठक
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शिखर वार्ता अंतरराष्ट्रीय सहयोग और महत्वपूर्ण विश्व मसलों पर चर्चा करने का अवसर है। उन्होंने जर्मनी के चांसलर स्कोल्ज के साथ पिछले दिनों हुई सार्थक वार्ता का जिक्र भी किया। जर्मनी में प्रधानमंत्री मोदी यूरोपीय देशों के भारतीय प्रवासियों के प्रतिनिधियों से भी चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जी-7 शिखर सम्मेलन में पर्यावरण, ऊर्जा, जलवायु, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, आतंकवाद विरोधी, लैंगिक समानता और लोकतंत्र जैसे सामयिक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान होगा। वह सम्मेलन से इतर कुछ देशों के नेताओं से मिलने को लेकर उत्सुक हैं। उल्लेखनीय है कि जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने दुनिया के विकसित देशों के संगठन जी7 की शिखर वार्ता में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया है।
इस तरह का है वैश्विक परिवेश
जी 7 शिखर वार्ता का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है, जब यूक्रेन में सैन्य संघर्ष जारी है तथा पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ व्यापक प्रतिबंध लगाए हैं। सदस्य देश रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। ये देश यूक्रेन को सैन्य और मानवीय सहायता की घोषणा कर सकते हैं।
सदस्य देश भारत से इस बात का कर सकते हैं अनुरोध
कूटनीतिक हलकों में यह कयास लगाया जा रहा है कि जी 7 के सदस्य देश भारत को रूस से तेल की खरीद कम करने तथा हथियारों के लिए रूस पर निर्भरता कम करने के लिए कह सकते हैं। हालांकि अमेरिकी प्रशासन के अधिकारी ने कहा कि शिखर वार्ता के विचार-विमर्श के मुद्दे बहुत व्यापक हैं तथा हम भारत को रूस से अलग करने की कोशिश नहीं कर रहे।