हर वर्ष 26 जून को “अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस” मनाया जाता है। नशीली वस्तुओं और पदार्थों के निवारण के लिए ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ ने सात दिसंबर 1987 को यह प्रस्ताव पारित किया था। तभी से हर साल लोगों को नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इसे मनाया जाता है।
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अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के मौके पर दिल्ली के एम्स में लोगों को और युवाओं को जागरूक करने के लिए साइकिल रैली निकाली गई। जिसको दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना और एम्स के डायरेक्टर डॉ. ने साइक्लोथॉन रैली का शुभारंभ किया।
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर अस्थाना ने कहा है कि आज नशा एक ऐसी बीमारी है, जो युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है।
शराब, सिगरेट, तम्बाकू एवं ड्रग्स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन करके युवा वर्ग नशे का शिकार हो रहा है। फुटपाथ और रेलवे प्लेटफार्म पर रहने वाले बच्चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं।
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि लोग सोचते हैं कि वो बच्चे कैसे नशा कर सकते हैं। जिनके पास खाने को भी पैसा नहीं होता है, लेकिन नशा करने के लिए सिर्फ मादक पदार्थों की ही जरूरत नहीं होती है बल्कि व्हाइटनर, नेल पॉलिश, पेट्रोल आदि की गंध, ब्रेड के साथ विक्स और बाम का सेवन करना भी नशे जैसा ही है जो बेहद खतरनाक है।
एम्स के डायरेक्टर ने यह भी कहा कि जो भी नशा छोड़ना चाहते हैं। एम्स में आकर सलाह ले सकते हैं। उनका इलाज भी किया जाएगा और एम्स की तरफ से उनकी हर संभव मदद भी की जाएगी। क्योंकि आज के समय में युवा पीढ़ी नशे की ओर जा रही है, हमें उन्हें रोकना है।
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