सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक संदेश से निकली बात को लेकर प्रदेश के दो दिग्गज फिर आमने सामने हो गए। एक तरफ केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री मंंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत थे तो दूसरी तरफ प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी। तकरार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के आवाज के नमूने के अदालत के नोटिस की तामील कराने को लेकर बढ़ी। सीएम ने एक ट्वीट किया था इस पर ही शेखावत ने पलटवार किया। लिखा कि सरकार ने न्यायालय में वॉइस सैंपल लेने के लिए जो अर्जी लगाई थी, उसे साल 2021 में ही न्यायालय ने खारिज कर दिया था। ऐसे में मुख्यमंत्री बता दें कि पुलिस ने मुझे कब और कितने नोटिस वॉइस सैंपल के लिए दिए।
ट्विटर पर चल रहे वॉर में ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) का भी जिक्र हुआ तो प्रदेश के जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी बीच में कूद गए। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर ईआरसीपी को लेकर शेखावत पर निशाना साधा तो जवाब में शेखावत ने कहा कि गहलोत जी अब तो मैंने गिनती करना छोड़ दिया कि कितनी बार आपके झूठ के सामने सच रख चुका हूं। आप ईआरसीपी के बारे में जनता को तकनीकी पक्ष नहीं बताते क्योंकि आप की पोल खुल जाएगी। इस जंग में देर रात प्रदेश के जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी भी शामिल हो गए। उन्होंने गजेंद्र सिंह शेखावत को टैग कर लिखा कि ईआरसीपी की डीपीआर आपके मंत्रालय के सलाहकार श्रीराम वेदिरे ने ही बनाई है। आपके मंत्रालय के सलाहकार से आप तकनीकी पक्ष पर बात क्यों नहीं कर लेते। आप क्यों चाहते हैं कि आप के मुताबिक योजना बनाकर 13 जिलों के किसानों की 2 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई से वंचित किया जाए।
जोशी ने यह भी लिखा कि आपको जानकारी होनी चाहिए कि ईआरसीपी की डीपीआर राजस्थान- मध्य प्रदेश अंतर राज्य नियंत्रण मंडल की तेरहवीं बैठक जो 25 अगस्त 2005 को हुई थी में लिए गए निर्णय के अनुसार ही बनाई गई है इसलिए इस परियोजना के लिए मध्यप्रदेश की अनापत्ति अपेक्षित नहीं है।
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