जिहादी हिंसा, लव जिहाद और अवैध धर्मांतरण का विहिप ने विरोध, सरकार से की ये मांग

विहिप सदैव अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में है। किंतु उसका कहना है कि हमारा संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी को दूसरों की आस्था के अपमान की अनुमति नहीं देता।

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विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण, अवैध धर्मांतरण, जिहादी हिंसा, लव जिहाद, हिन्दू मान्यताओं और देवी-देवताओं के प्रति हेट स्पीच के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए इन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।

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तमिलनाडु के कांचीपुरम में दो दिवसीय केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक के बाद 27 जून को चेन्नई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि सभी राज्य सरकारों को अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद पर प्रभावी रोक लगाने के लिए कानून बनाना चाहिए। डॉ. जैन ने कहा कि विहिप उन राज्यों का स्वागत करती है, जिन्होंने अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए कानून बनाए हैं।

हिंदू बेटियों को निशाना बनाने का आरोप
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की संवेदनहीनता के कारण तमिलनाडु में ईसाई मिशनरी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में हिन्दुओं को अवैध रूप से ईसाई बनाने का काम किया जा रहा है और इसके प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे ही एक प्रकरण में तंजावुर जिले में एक मासूम हिंदू बेटी लावण्या की जान चली गई। ऐसे बहुत से मामले हैं, जिनमें इस्लामिक कट्टरपंथी लव जिहाद के नाम पर हिंदू बेटियों को निशाना बना रहे हैं। रामनाथपुरम और मेलूर-मदुरै में ऐसी कई बेटियों को आत्महत्या तक करनी पड़ी है। ऐसी गतिविधियों में लिप्त अपराधियों को कड़ी सजा देकर तमिलनाडु सरकार को इन कुकृत्यों पर तत्काल रोक लगानी चाहिए, ताकि हिन्दू समाज पर हो रहे इस तरह के अत्याचारों पर अंकुश लग सके।

कानून बनाने की मांग
विहिप की मांग है कि अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद पर रोक लगाने के लिए तमिलनाडु सरकार भी एक धर्मांतरण विरोधी कानून बनाए। डॉ. जैन ने कहा कि हिन्दू समाज का सदैव से मत है कि हिन्दू मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने चाहिए। हम उन राज्य सरकारों की प्रशंसा करते हैं, जिन्होंने हिन्दू धार्मिक स्थानों का प्रबंधन हिन्दू समाज के हाथों में सौंपने का निर्णय कर लिया है। विहिप की मांग है कि तमिलनाडु सहित शेष राज्य सरकारें हिन्दू मंदिरों को मुक्त करें।

हिंदू देवी देवताओं के अपमान करने का आरोप
विहिप सदैव अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में है। किंतु हमारा संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी को दूसरों की आस्था के अपमान की अनुमति नहीं देता। दुर्भाग्य से हिन्दू मान्यताओं और देवी-देवताओं के प्रति हेट स्पीच देने वाले अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई नहीं होती, जिससे हिंदू समाज आक्रोशित है। देश भर में गैर-हिन्दू आस्थाओं और नेताओं को अपमानित करने वाले बयान देने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है, किंतु हिन्दू देवी-देवताओं और आस्था का अपमान करने वाले अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। हाल ही में पवित्र शिवलिंग या पवित्र चिदंबरमनटराज के लिए तमाम तरह के आपत्तिजनक वक्तव्य दिए गए, किंतु कई हिन्दू संगठनों की शिकायतों के बाद भी तमिलनाडु में किसी कानूनी एजेंसी ने कार्रवाई नहीं की। सभी राज्य सरकारों से अपील है कि हिन्दू समाज की संवेदनाओं के प्रति अमर्यादित व्यवहार नहीं किया जाए। यदि राज्य सरकारें मूक दर्शक बनी रहेंगी, तो विहिप उन्हें चेतावनी देती है कि हिन्दू समाज अपने गौरव की रक्षा के लिए स्वयं उठ खड़ा होगा।

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